भारत के महत्वपूर्ण आकार, आर्थिक ताकत और कूटनीतिक प्रभाव ने इसे गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के संस्थापक सदस्यों में से एक बना दिया है। इस आंदोलन में भारत की भूमिका तीसरी दुनिया की एकजुटता को बढ़ावा देने में अभिन्न रही है, खासकर नए स्वतंत्र देशों के बीच।
यह आलेख गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भारत के प्रमुख योगदान और भूमिका पर प्रकाश डालेगा, जो सिविल सेवा परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।