प्रेमचंदोत्तर युग MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रेमचंदोत्तर युग - Download Free PDF
Last updated on Jul 2, 2025
Latest प्रेमचंदोत्तर युग MCQ Objective Questions
प्रेमचंदोत्तर युग Question 1:
निम्नलिखित में से प्रेमचंद की रचना है :
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 1 Detailed Solution
प्रेमचंद की रचना है - 'सेवासदन'
- सेवासदन उपन्यास का प्रकाशन वर्ष 1918 ई है। यह हिन्दी का पहला प्रौढ़ उपन्यास है।
- यह मूल रूप से उन्होंने 'बाजारे-हुस्न' नाम से पहले उर्दू में लिखा गया लेकिन इसका हिन्दी रूप 'सेवासदन' पहले प्रकाशित हुआ।
- यह स्त्री समस्या पर केन्द्रित उपन्यास है जिसमें दहेज-प्रथा, अनमेल विवाह, वेश्यावृत्ति, स्त्री-पराधीनता आदि समस्याओं के कारण और प्रभाव शामिल हैं।
Key Points
- प्रेमचंद का अन्य उपन्यास:-
- सेवासदन (1918)
- प्रेमाश्रम (1922)
- रंगभूमि (1925)
- निर्मला (1925)
- गबन (1928)
- कर्मभूमि (1932)
- गोदान (1936)
Additional Information
तमस:-
मैला आँचल:-
त्यागपत्र:-
|
प्रेमचंदोत्तर युग Question 2:
‘बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास कुल कितने उच्छवासों में विभाजित है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 2 Detailed Solution
‘बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास कुल बीस उच्छवासों में विभाजित है
Key Pointsबाणभट्ट की आत्मकथा-
- रचनाकार-हजारीप्रसाद द्विवेदी
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1946 ई.
- प्रमुख पात्र-
- बाणभट्ट, निपुणिका, भट्टिनी आदि।
- विषय-
- इसमें कवि बाणभट्ट के जीवन का आधार लेकर राजा हर्षवर्धन के समय की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक स्थितियों का चित्रण किया गया है।
- यह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित होने पर भी मूलतः कल्पना एवं लोक श्रुति से प्राप्त प्रसंगों के संयोजन से लिखी गई रचना है जो छठी-सातवीं शताब्दी की कथा है।
- इसमें प्रेम का उद्धार स्वरूप चित्रित हुआ है।
Important Pointsहजारीप्रसाद द्विवेदी-
- जन्म-1907-1979 ई.
- ऐतिहासिक उपन्यासकार है।
- उपन्यास-
- चारुचन्द्रलेख(1963 ई.)
- पुनर्नवा(1973 ई.)
- अनामदास का पोथा(1976 ई.) आदि।
प्रेमचंदोत्तर युग Question 3:
निम्नलिखित में से प्रेमचंद की रचना है :
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 3 Detailed Solution
प्रेमचंद की रचना है - 'सेवासदन'
- सेवासदन उपन्यास का प्रकाशन वर्ष 1918 ई है। यह हिन्दी का पहला प्रौढ़ उपन्यास है।
- यह मूल रूप से उन्होंने 'बाजारे-हुस्न' नाम से पहले उर्दू में लिखा गया लेकिन इसका हिन्दी रूप 'सेवासदन' पहले प्रकाशित हुआ।
- यह स्त्री समस्या पर केन्द्रित उपन्यास है जिसमें दहेज-प्रथा, अनमेल विवाह, वेश्यावृत्ति, स्त्री-पराधीनता आदि समस्याओं के कारण और प्रभाव शामिल हैं।
Key Points
- प्रेमचंद का अन्य उपन्यास:-
- सेवासदन (1918)
- प्रेमाश्रम (1922)
- रंगभूमि (1925)
- निर्मला (1925)
- गबन (1928)
- कर्मभूमि (1932)
- गोदान (1936)
Additional Information
तमस:-
मैला आँचल:-
त्यागपत्र:-
|
प्रेमचंदोत्तर युग Question 4:
'बाणभट्ट की आत्मकथा' किसका प्रसिद्ध उपन्यास है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 4 Detailed Solution
- 'बाणभट्ट की आत्मकथा' हजारी प्रसाद द्विवेदी प्रसिद्ध उपन्यास है।
Key Pointsबाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक हिन्दी उपन्यास है।
इसमें तीन प्रमुख पात्र हैं- बाणभट्ट, भट्टिनी तथा निपुणिका।
हजारी प्रसाद द्विवेदी: (1907 ई.)
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को 'भाषा का डिक्टेटर' कहा है।
- द्विवेदी युग के प्रवर्तक महावीर प्रसाद द्विवेदी थे
- हज़ारी प्रसाद द्विवेदी हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे।
- वे हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और बाङ्ला भाषाओं के विद्वान थे।
- भक्तिकालीन साहित्य का उन्हें अच्छा ज्ञान था।
- सन 1957 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
हज़ारी प्रसाद द्विवेदी की प्रमुख रचनाएँ:
- उन्होंने चार उपन्यास लिखे- 'पुनर्नवा', 'बाणभट्ट की आत्मकथा', 'चारुचंद्रलेख' और 'अनामदास का पोथा'।
- उनके अनेक निबंध-संग्रह प्रकाशित हैं- 'कल्पलता', 'अशोक के फूल', 'कूटज', 'विचार प्रवाह'।
Additional Information
रचनाकार | परिचय | प्रमुख रचनाएँ |
नागार्जुन | नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था परंतु हिन्दी साहित्य में उन्होंने नागार्जुन तथा मैथिली में यात्री उपनाम से रचनाएँ कीं। काशी में रहते हुए उन्होंने 'वैदेह' उपनाम से भी कविताएँ लिखी थीं। सन् 1936 में सिंहल में 'विद्यालंकार परिवेण' में ही 'नागार्जुन' नाम ग्रहण किया | युगधारा, प्यासी-पथराई आँखें, सतरंगे पंखोंवाली, तुमने कहा था, तालाब की मछलियाँ, हजार-हजार बाँहोंवाली, पुरानी जूतियों का कोरस, भस्मांकुर (खण्डकाव्य), बलचनमा, रतिनाथ की चाची, नयी पौध, कुम्भीपाक, उग्रतारा (उपन्यास), दीपक, विश्वबन्धु (सम्पादन) |
जैनेन्द्र | प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्र कुमार (2 जनवरी, 1905 - दिसम्बर 24, 1988) का विशिष्ट स्थान है। वह हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं। जैनेंद्र अपने पात्रों की सामान्यगति में सूक्ष्म संकेतों की निहिति की खोज करके उन्हें बड़े कौशल से प्रस्तुत करते हैं। |
उपन्यासः 'परख', 'सुनीता', 'त्यागपत्र', 'कल्याणी', 'विवर्त', 'सुखदा', 'व्यतीत' तथा 'जयवर्धन' और 'मुक्ति-बोध'(कथा के पात्र-मैं, पत्नी-राजी, बेटी-अंजु(अन्जो) इत्यादि) कहानी संग्रहः 'फाँसी', 'वातायन' , 'नीलम देश की राजकन्या', 'एक रात', 'दो चिड़ियाँ', 'पाजेब', 'जयसंधि' तथा 'जैनेंद्र की कहानियाँ' (सात भाग) |
अमृतलाल नागर | अमृतलाल नागर (17 अगस्त, 1916 - 23 फरवरी, 1990) हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा 1981 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। | उपन्यास: महाकाल, बूँद और समुद्र , शतरंज के मोहरे, सुहाग के नूपुर अमृत और विष सात घूंघट वाला मुखड़ा, एकदा नैमिषारण्ये, मानस का हंस, नाच्यौ बहुत गोपाल |
प्रेमचंदोत्तर युग Question 5:
"चित्रलेखा" उपन्यास में समाज की रूढ़ियों और नैतिकता के प्रति लेखक का क्या दृष्टिकोण है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 5 Detailed Solution
उत्तर- रूढ़ियों और नैतिकता की परिभाषा पर सवाल उठाना
विश्लेषण:
- भगवतीचरण वर्मा ने चित्रलेखा, बीजगुप्त और यशोधर के चरित्रों के माध्यम से समाज की रूढ़ियों और नैतिकता की परिभाषा पर सवाल उठाए हैं।
- चित्रलेखा के तर्क और बीजगुप्त का पतन यह दर्शाते हैं कि नैतिकता एक व्यक्तिगत और सापेक्ष अवधारणा है, जिसे समाज अपने हितों के अनुसार परिभाषित करता है।
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मैला आँचल के लेखक हैं
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFमैला आँचल के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु' हैं। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 1 फणीश्वरनाथ रेणु होगा ।
Key Points
फणीश्वर नाथ 'रेणु ' की रचनाये:
उपन्यास |
मैला आंचल, परती परिकथा ,जूलूस, दीर्घतपा. कितने चौराहे , पलटू बाबू रोड |
कथा-संग्रह |
एक आदिम रात्रि की महक, ठुमरी, अग्निखोर, अच्छे आदमी, रिपोर्ताज ,ऋणजल-धनजल |
प्रसिद्ध कहानियां |
मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम), एक आदिम रात्रि की महक, लाल पान की बेगम , पंचलाइट, तबे एकला चलो रे , ठेस |
Additional Information
रचनाकार |
रचना |
मोहन राकेश |
अंधेरे बंद कमरे, अन्तराल, न आने वाला कल |
नागार्जुन |
युगधारा , प्यासी पथराई आँखें, तुमने कहा था, नयी पौध |
रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' |
मधुलिका, 'अपराजिता, 'किरण बेला, 'वर्षांत के बादल |
'तितली' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - ‘जयशंकर प्रसाद’।
- ‘तितली’ जयशंकर प्रसाद की रचना है।
Key Points
- तितली सामाजिक पृष्ठभूमि पर लिखित जयशंकर प्रसाद का दूसरा उपन्यास है।
- इसके केंद्र में गाँव है। इसका प्रकाशन सन् 1934 ई॰ में भारती भंडार, इलाहाबाद से हुआ था।
Additional Information
रचनाकार | रचनाएँ |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल | रसमीमांसा, चिंतामणि। |
श्याम सुंदर दास | साहित्यालोचन, रूपकहस्य। |
आचार्य महावीर प्र. द्विवेदी | नैषध चरित्र चर्चा, विनय विनोद, देवी स्तुति-शतक। |
कौन सा उपन्यास अज्ञेय का नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- अजय की डायरी, उपन्यास अज्ञेय द्वारा रचित नही है।
- अजय की डायरी के लेखक = देवराज
- अजय की डायरी के प्रमुख पात्र: भुवन, रेखा, गौरा, चंद्र, माधव
- विश्वविद्यालय की पृष्ठभूमि पर आधारित उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष: 1960
Additional Information
- अज्ञेय का पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
- अज्ञेय महत्वपूर्ण रचनाएँ निम्न है:-
- हरी घास पर क्षण भर - कविता संग्रह - सन् 1949
- 1964 में आँगन के पार द्वार पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
- 1979 में कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।
'अधखिला फूल' किसके द्वारा रचित उपन्यास है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'अधखिला फूल 'अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'' द्वारा रचित उपन्यास है।
- प्रकाशन वर्ष : 1907
Key Points
- चोखे चौपदे मुक्तक काव्य श्रेणी का श्रेष्ठ काव्य है, इसके लेखक भी अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' है।
- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की अन्य रचनाएँ-
- - चोखे चौपदे, चुभते चौपदे, कल्पलता, बोलचाल, पारिजात और हरिऔध सतसई मुक्तक काव्य
- उपन्यास - ठेठ हिंदी का ठाठ और अधखिला फूल
- महाकाव्य - प्रियप्रवास, वैदेही वनवास
Additional Information
अन्य विकल्प-
- कनुप्रिया - धर्मवीर भारती
- पथिक - रामनरेश त्रिपाठी
निम्न में कौन सा सही सुमेलित नहीं है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- उपन्यास आधुनिक गद्य की एक प्रमुख विधा है जिसका जन्म 18 वीं शताब्दी में पश्चिम में हुआ ।
- उपन्यास का अर्थ है वह रचना जो सामाजिक जीवन के निकट हो , सामाजिक जीवन के निकट होने के कारण ही उपन्यास को ' आधुनिक युग का महाकाव्य ' कहा गया है ।
- उसका बचपन उपन्यास मन्नू भंडारी द्वारा लिखित नहीं है, यह उपन्यास कृष्ण बलदेव वैद ने लिखा है ।
Key Points
- 'आपका बंटी 'और' महाभोज' मन्नू भंडारी के चर्चित उपन्यास हैं ।
- आपका बंटी तलाकशुदा दम्पति और उनकी संतान को केंद्र में रखकर लिखा गया है ।
- महाभोज में समकालीन राजनीति में मूल्यहीनता की प्रवृत्ति का चित्रण हुआ है ।
- एक इंच मुस्कान राजेंन्द्र यादव और मन्नू भंडारी की सहयोगी रचना है ।
- गुनाहों का देवता - 1949 ई., धर्मवीर भारती कृत यह उपन्यास सुधा और चंदर की भावुकतापूर्ण प्रेमकथा है ।
- कितने पाकिस्तान - 2000 ई., धर्म, जाति, भाषा आदि तमाम आधारों पर समाज को बाँटने की कुत्सित प्रवृत्ति का चित्रण हुआ है ।
- सारा आकाश - 1960 ई., राजेन्द्र यादव कृत ' प्रेत बोलते हैं ' उपन्यास बाद में सारा आकाश नाम से प्रकाशित हुआ, असफल दाम्पत्य जीवन का चित्रण ।
- उसका बचपन - 1957 ई., विभाजन पर आधारित ।
'गोदान' कब प्रकाशित हुआ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- गोदान (1936 ई.)
- गोदान, प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है।
- इसका प्रकाशन 1936 ई० में हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई द्वारा किया गया था।
- गोदान में भारतीय किसान का संपूर्ण जीवन - उसकी आकांक्षा और निराशा, उसकी धर्मभीरुता और भारतपरायणता के साथ स्वार्थपरता ओर बैठकबाजी, उसकी बेबसी और निरीहता- का जीता जागता चित्र उपस्थित किया गया है।
- प्रमुख पात्र
- ग्रामीण पात्र :- होरी, झिंगुरी सिंह, सिलिया, गोबर, धनिया, झुनिया, दातादीन, मातादीन, नोखे राम
- नगरिय पात्र :- दुलारी, सहूआइन, राय साहब, अमरपाल सिंह, ओंकारनाथ, श्याम बिहारी तन्खा, खन्ना, मेहता, मिर्जाखुर्शीद,मालती
Key Points
- परीक्षा गुरु :- श्रीनिवास दास , 1882 ईस्वी
- गोदान :- प्रेमचंद , 1936 ईस्वी
- शेखर एक जीवनी :- अज्ञेय , 1941 ईस्वी
- तमस :- भीष्म साहनी , 1973 ईस्वी
- परीक्षा गुरू
- परीक्षा गुरू "हिन्दी का प्रथम उपन्यास" था।
- जिसकी रचना भारतेन्दु युग के प्रसिद्ध नाटककार लाला श्रीनिवास दास ने 25 नवम्बर,1882 को की थी।
- प्रमुख पात्र :- लाला मदनमोहन, ब्रजकिशोर, मुंशी चुन्नीलाल, मास्टर शंभू दयाल
- शेखर एक जीवनी
- शेखर एक जीवनी, सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्सयायन अज्ञेय का मनोविश्लेषणात्मक उपन्यास है।
- इसके दो भाग हैं
- प्रथम भाग का प्रकाशन 1941 में
- दूसरे भाग का प्रकाशन 1944 में
- इसमें अज्ञेय ने बालमन पर पड़ने वाले काम, अहम और भय के प्रभाव तथा उसकी प्रकृति पर मनोवैज्ञानिक ढंग से विचार किया है।
- प्रमुख पात्र :- शेखर, सरस्वती, शशि, शारदा, शांति
- तमस
- तमस, भीष्म साहनी का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है।
- इसका प्रकाशन 1973 में हुआ था।
- तमस को 1975 में "साहित्य अकादमी पुरस्कार" से भी सम्मानित किया गया था।
- प्रमुख पात्र :- वानप्रस्थ जी, मुराद अली, नत्थू, रिचर्ड, लीजा, बख्शी जी, जरनैल सिंह, हरनाम, बंन्तो, लक्ष्मी नारायण, नूर इलाही, मोहन
'दुक्खम-सुक्खम' उपन्यास की लेखिका है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF"दुक्खम सुक्खम" उपन्यास ममता कालिया का है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) ममता कालिया सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- ममता कालिया (02 नवम्बर,1940)
- लगभग आधी सदी के काल खण्ड में उन्होंने 200 से अधिक कहानियों की रचना की है।
- सम्मान और पुरस्कार
- वर्ष 2017 में प्रतिष्ठित ‘व्यास सम्मान’
- अभिनव भारती सम्मान
- साहित्य भूषण सम्मान
- यशपाल स्मृति सम्मान
- महादेवी स्मृति पुरस्कार
- कमलेश्वर स्मृति सम्मान
- सावित्री बाई फुले स्मृ्ति सम्मान
- अमृत सम्मान
- लमही सम्मान (2009)
- जनवाणी सम्मान (2008)
- सीता पुरस्कार (2012)
Additional Information
ममता कालिया के उपन्यास निम्नलिखित हैं:-
निम्नलिखित मे से किस उपन्यास मे 'लाला मदनमोहन' के दीवानखाने का वर्णन किया गया है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFलाला मदनमोहन परीक्षागुरू उपन्यास के मुख्य पात्र हैं जो कि महाजनी संस्कृति के प्रतीक हैंI यहाँ उन्हीं के दीवानखाने का वर्णन किया गया हैI
Key Points
- हिन्दी का पहला मौलिक उपन्यास I
- लेखक - लाला श्रीनिवासदास
- प्रकाशन - 1882 I
- इसमें दिल्ली के सेठ मदनमोहन की कहानी है जो कुसंगति के कारण अपना धन बर्बाद कर देते हैं और फिर एक मित्र के प्रयासों द्वारा कुसंगति से बहार निकलते हैंI
- इस उपन्यास के माध्यम से लेखक ने यह सन्देश दिया है कि सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति में होती है और परीक्षा ही सबसे बड़ा गुरु हैI
- पात्र - लाला मदनमोहन, वकील बृजकिशोर, मुंशी चुन्नीलाल, मास्टर शम्भूदयाल, पुरुषोत्तमदास आदि I
Additional Information
- भाग्यवती - श्रद्धाराम फिलौरी - 1877 में प्रकाशित हुआI
- नूतन ब्रह्मचारी - बालकृष्ण भट्ट - 1886 में प्रकाशित हुआI
- श्यामा स्वप्न- ठाकुर जगमोहन सिंह - 1888 में प्रकाशित हुआI
शेखर एक जीवनी के प्रथम भाग में कौन सा खंड नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFबन्धन और जिज्ञासा, शेखर एक जीवनी के प्रथम भाग में खंड नहीं है।
- शेखर: एक जीवनी (प्रथम भाग : उत्थान)
- उषा और ईश्वर
- बीज और अंकुर
- प्रकृति और पुरूष
- पुरूष और परिस्थिति।
- शेखर: एक जीवनी (द्वितीय भाग : संघर्ष)
- रूष और परिस्थिति,
- बन्धन और जिज्ञासा
- शशि और शेखर
- धागे-रस्सी, रस्सियाँ, गुन्झर।
Key Points
- यह जीवनी रुपी उपन्यास अज्ञेय द्वारा लिखा गया है।
- जिसमें शेखर मुख्य पात्र हैI
- इसके दो भाग हैंI
- प्रथम भाग का प्रकाशन 1941 - उत्थान
- दूसरे भाग का प्रकाशन 1944 - संघर्ष
- यह एक मनोवैज्ञानिक उपन्यास है।
Additional Information
- अज्ञेय का पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
- अज्ञेय महत्वपूर्ण रचनाएँ निम्न है:-
- हरी घास पर क्षण भर - कविता संग्रह - सन् 1949
- 1964 में आँगन के पार द्वार पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
- 1979 में कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।
निम्नलिखित में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंदोत्तर युग Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFरागदरबारी - फणीश्वरनाथ रेणु, युग्म गलत है।
- राग दरबारी श्री लाल शुक्ल जी का प्रसिद्ध उपन्यास है।
Key Points
- राग दरबारी : शिवपाल गंज का चित्रण
- ‘राग दरबारी’ का लेखन 1964 के अन्त में शुरू हुआ और अपने अन्तिम रूप में 1967 में समाप्त हुआ।
- 1968 में इसका प्रकाशन हुआ और 1969 में इस पर श्रीलाल शुक्ल को "साहित्य अकादमी" का पुरस्कार मिला।
- 1986 में एक दूरदर्शन-धारावाहिक के रूप में इसे लाखों दर्शकों की सराहना प्राप्त हुई।
Additional Information
- फणीश्वर नाथ रेणु के उपन्यास:
- मैला आंचल - सन् 1954
- परिती कथा - सन् 1957
- दीर्घतपा - सन् 1963
- जुलुस - सन् 1965
- पलटू बाबू रोड - सन् 1971