आत्मकथा MCQ Quiz - Objective Question with Answer for आत्मकथा - Download Free PDF
Last updated on Jun 5, 2025
Latest आत्मकथा MCQ Objective Questions
आत्मकथा Question 1:
'मुर्दहिया' के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) तुलसीराम के दादाजी जूठन को प्रचलित अंधविश्वास के अनुसार किसी भूत ने लाठी से पीट-पीटकर मार डाला था।
(B) तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा में गाँव के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन का चित्रण किया है।
(C) तुलसीराम के पिता के सबसे बड़े भाई सोम्मर 12 गाँवों के ब्राह्मणों के चौधरी थे।
(D) तुलसीराम ने आजमगढ़ में अपनी पढ़ाई के दौरान फाकाकशी का सामना किया और वहाँ के डी.ए.वी. कॉलेज में आर.एस.एस. का प्रभाव देखा।
(E) तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा में बुद्ध की राह पर चलने की प्रेरणा राहुल सांकृत्यायन की पुस्तक 'वोल्गा से गंगा' से प्राप्त की थी।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर - केवल (A), (B), (D)
Key Points
- (A) तुलसीराम के दादाजी जूठन को प्रचलित अंधविश्वास के अनुसार किसी भूत ने लाठी से पीट-पीटकर मार डाला था: यह कथन सत्य है। यह तथ्य मुख्य पात्रों के विवरण में उल्लेखित है।
- (B) तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा में गाँव के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन का चित्रण किया है: यह कथन सत्य है। 'मुर्दहिया' में दलित जीवन के साथ-साथ गाँव का संपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक आख्यान है, जैसा कि महत्वपूर्ण तथ्य में बताया गया है।
- (D) तुलसीराम ने आजमगढ़ में अपनी पढ़ाई के दौरान फाकाकशी का सामना किया और वहाँ के डी.ए.वी. कॉलेज में आर.एस.एस. का प्रभाव देखा: यह कथन सत्य है। यह जानकारी 'आजमगढ़ में फाकाकशी' खंड में दी गई है।
Additional Information
- (C) तुलसीराम के पिता के सबसे बड़े भाई सोम्मर 12 गाँवों के ब्राह्मणों के चौधरी थे: यह कथन असत्य है। सोम्मर 12 गाँवों के चमारों के चौधरी थे, न कि ब्राह्मणों के।
- (E) तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा में बुद्ध की राह पर चलने की प्रेरणा राहुल सांकृत्यायन की पुस्तक 'वोल्गा से गंगा' से प्राप्त की थी: यह कथन असत्य है। तुलसीराम को राहुल सांकृत्यायन की पुस्तक 'वोल्गा से गंगा' के बारे में सुनकर उत्सुकता हुई थी, लेकिन बुद्ध की राह पर चलने की प्रेरणा सीधे इस पुस्तक से नहीं, बल्कि सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध) की कहानी से मिली थी।
आत्मकथा Question 2:
'मुर्दहिया' के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) 'मुर्दहिया' आत्मकथा में लेखक तुलसीराम ने अपने बचपन से स्नातक तक की जीवन-यात्रा का वर्णन किया है।
(B) मुर्दहिया धरमपुर गाँव (आजमगढ़) में स्थित श्मशान घाट का नाम है और यह दलित जीवन की कर्मस्थली है।
(C) तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा को चार उप-शीर्षकों में विभाजित किया है, जिसमें 'भुतनिया नागिन' और 'चले बुद्ध की राह' शामिल हैं।
(D) तुलसीराम को 'मुर्दहिया' लिखने की प्रेरणा तद्भव के संपादक अखिलेश से मिली थी।
(E) तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा में केवल अपने निजी अनुभवों को केंद्र में रखा है, गाँव के लोकजीवन का वर्णन नहीं किया।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर - केवल (A), (B), (D)
विश्लेषण (हिंदी में):
- (A) 'मुर्दहिया' आत्मकथा में लेखक तुलसीराम ने अपने बचपन से स्नातक तक की जीवन-यात्रा का वर्णन किया है: यह कथन सत्य है। आत्मकथा में लेखक ने अपने बचपन से लेकर स्नातक की शिक्षा तक की यात्रा का वर्णन किया है, जैसा कि विषय वस्तु में उल्लेखित है।
- (B) मुर्दहिया धरमपुर गाँव (आजमगढ़) में स्थित श्मशान घाट का नाम है और यह दलित जीवन की कर्मस्थली है: यह कथन सत्य है। यह जानकारी दी गई है कि मुर्दहिया धरमपुर गाँव का श्मशान घाट है और यह दलित जीवन की कर्मस्थली है।
- (C) तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा को चार उप-शीर्षकों में विभाजित किया है, जिसमें 'भुतनिया नागिन' और 'चले बुद्ध की राह' शामिल हैं: यह कथन असत्य है। आत्मकथा सात उप-शीर्षकों में विभाजित है, न कि चार में। 'भुतनिया नागिन' और 'चले बुद्ध की राह' सही हैं, लेकिन संख्या गलत है।
- (D) तुलसीराम को 'मुर्दहिया' लिखने की प्रेरणा तद्भव के संपादक अखिलेश से मिली थी: यह कथन सत्य है। यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि तद्भव के संपादक अखिलेश ने उन्हें मुर्दहिया लिखने की प्रेरणा दी।
- (E) तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा में केवल अपने निजी अनुभवों को केंद्र में रखा है, गाँव के लोकजीवन का वर्णन नहीं किया: यह कथन असत्य है। आत्मकथा में लेखक ने न केवल अपने निजी अनुभवों का वर्णन किया, बल्कि गाँव के लोकजीवन को भी केंद्र में रखा है, जिसमें अंधश्रद्धा, कर्मकांड, दलित संघर्ष आदि शामिल हैं।
आत्मकथा Question 3:
'एक कहानी यह भी' के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) मन्नू भंडारी ने अपनी आत्मकथात्मक कहानी में स्पष्ट किया कि यह उनकी पूरी आत्मकथा नहीं, बल्कि जीवन का एक टुकड़ा है।
(B) मन्नू भंडारी की प्रिय लेखिका जैनेन्द्र थीं और उनकी रचनाएँ उन्हें बहुत पसंद थीं।
(C) मन्नू भंडारी ने अपनी बहन सुशीला के पास कलकत्ता जाकर बी.ए. की डिग्री प्राप्त की थी।
(D) मन्नू भंडारी ने 'एक इंच मुस्कान' को पूर्ण रूप से राजेन्द्र यादव की कृति माना था।
(E) मन्नू भंडारी ने उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ के निर्देशक के रूप में कार्य किया था।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर- केवल (A), (C), (E)
- (A) मन्नू भंडारी ने अपनी आत्मकथात्मक कहानी में स्पष्ट किया कि यह उनकी पूरी आत्मकथा नहीं, बल्कि जीवन का एक टुकड़ा है: यह कथन सत्य है। मन्नू भंडारी ने स्वयं कहा है कि यह उनकी आत्मकथा नहीं, बल्कि जीवन का एक टुकड़ा है, जो लेखकीय जीवन पर केंद्रित है।
- (C) मन्नू भंडारी ने अपनी बहन सुशीला के पास कलकत्ता जाकर बी.ए. की डिग्री प्राप्त की थी: यह कथन सत्य है। यह तथ्य स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि मन्नू ने कलकत्ता में सुशीला के पास रहकर बी.ए. पास किया।
- (E) मन्नू भंडारी ने उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ के निर्देशक के रूप में कार्य किया था: यह कथन सत्य है। यह स्मरणीय तथ्य में उल्लेखित है कि मन्नू ने उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ के निर्देशक के रूप में काम किया।
Key Pointsएक कहानी यह भी-
- रचनाकार- मन्नू भंडारी
- विधा- आत्मकथा
- प्रकाशन वर्ष- 2007 ई.
- मुख्य पात्र- मन्नू भंडारी
- विषय- लेखिका मन्नू भंडारी ने अपने लेखकीय जीवन की कहानी उतार दी है।
Important Points
मन्नू भंडारी-
- जन्म- 1931-2021 ई.
- एक महान लेखिका, कहानीकार व उपन्यासकार थी।
- कहानी-
- एक प्लेट सैलाब (1962 ई.)
- मैं हार गई (1957 ई.)
- तीन निगाहों की एक तस्वीर (1959 ई.)
- यही सच है (1966 ई.)
- त्रिशंकु (1978 ई.)
Additional Information
- (B) मन्नू भंडारी की प्रिय लेखिका जैनेन्द्र थीं और उनकी रचनाएँ उन्हें बहुत पसंद थीं: यह कथन असत्य है। मन्नू भंडारी ने जैनेन्द्र की रचनाओं को पसंद किया था, लेकिन उनकी प्रिय लेखक यशपाल थे।
- (D) मन्नू भंडारी ने 'एक इंच मुस्कान' को पूर्ण रूप से राजेन्द्र यादव की कृति माना था: यह कथन असत्य है। मन्नू भंडारी ने स्पष्ट किया है कि 'एक इंच मुस्कान' पूरी तरह उनकी कृति है और राजेन्द्र यादव का योगदान नाममात्र का था।
आत्मकथा Question 4:
'एक कहानी यह भी' के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) मन्नू भंडारी का जन्म मध्यप्रदेश के भानपुरा गाँव में हुआ और वे 5 भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं।
(B) मन्नू भंडारी की पहली मुलाकात राजेन्द्र यादव से सावित्री गर्ल्स हाई स्कूल अजमेर के पुस्तकालय में हुई थी।
(C) मन्नू भंडारी ने अपनी पुत्री टिंकू (रचना) के कारण राजेन्द्र यादव से अपने वैवाहिक संबंध को पूरी तरह तोड़ दिया।
(D) मन्नू भंडारी ने आपातकाल के दौरान पद्मश्री का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
(E) मन्नू भंडारी ने अपनी पहली कहानी 'मैं हार गयी' लिखी, जो बालीगंज शिक्षा सदन में पढ़ाते समय लिखी गई थी।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर- केवल (A), (B), (D)
विश्लेषण (हिंदी में):
- (A) मन्नू भंडारी का जन्म मध्यप्रदेश के भानपुरा गाँव में हुआ और वे 5 भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं: यह कथन सत्य है। यह जानकारी दी गई है कि मन्नू भंडारी का जन्म भानपुरा में हुआ और वे 5 भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं।
- (B) मन्नू भंडारी की पहली मुलाकात राजेन्द्र यादव से सावित्री गर्ल्स हाई स्कूल अजमेर के पुस्तकालय में हुई थी: यह कथन सत्य है। यह तथ्य स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि उनकी मुलाकात सावित्री गर्ल्स हाई स्कूल के पुस्तकालय में हुई थी।
- (C) मन्नू भंडारी ने अपनी पुत्री टिंकू (रचना) के कारण राजेन्द्र यादव से अपने वैवाहिक संबंध को पूरी तरह तोड़ दिया: यह कथन असत्य है। मन्नू भंडारी ने 35 वर्षों बाद राजेन्द्र यादव से विवाह विच्छेद किया, लेकिन यह पुत्री टिंकू (रचना) के कारण नहीं था। वे टिंकू के भविष्य को लेकर चिंतित थीं और संबंध तोड़ना नहीं चाहती थीं, पर अन्य कारणों से यह हुआ।
- (D) मन्नू भंडारी ने आपातकाल के दौरान पद्मश्री का प्रस्ताव ठुकरा दिया था: यह कथन सत्य है। यह स्मरणीय तथ्य में उल्लेखित है कि आपातकाल में मन्नू ने पद्मश्री का लालच ठुकरा दिया था।
- (E) मन्नू भंडारी ने अपनी पहली कहानी 'मैं हार गयी' लिखी, जो बालीगंज शिक्षा सदन में पढ़ाते समय लिखी गई थी: यह कथन असत्य है। मन्नू भंडारी की पहली कहानी 'मैं हार गयी' सही है, लेकिन यह बालीगंज शिक्षा सदन में पढ़ाते समय लिखी गई थी, यह तथ्य सही है, लेकिन यहाँ यह संदर्भ ठीक नहीं है। उनकी पहली कहानी का लेखन उनके व्यक्तिगत अनुभवों से प्रेरित था, लेकिन यह प्रश्न के संदर्भ में भ्रामक है।
आत्मकथा Question 5:
'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) बच्चन ने अपनी आत्मकथा में अमोढ़ा और बाबूपट्टी गाँवों का उल्लेख किया है।
(B) बच्चन के परदादा मिठ्ठू लाल ने एक विशाल पुश्तैनी मकान बनवाया था, जो गरीबी के कारण बिक गया।
(C) बच्चन की आत्मकथा में उनकी दूसरी पत्नी तेजी बच्चन के साथ प्रेम और विवाह का वर्णन है।
(D) बच्चन ने अपनी माँ को पांच पैसे में लछमिनिया चमारिन को बेच दिया था।
(E) बच्चन ने कैथी लिपि को कायस्थों की लिपि कहा है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - केवल (A), (B), (E)
Key Points
विश्लेषण:
- (A) बच्चन ने अपनी आत्मकथा में अमोढ़ा और बाबूपट्टी गाँवों का उल्लेख किया है: यह सत्य है।
- (B) बच्चन के परदादा मिठ्ठू लाल ने एक विशाल पुश्तैनी मकान बनवाया था, जो गरीबी के कारण बिक गया: यह सत्य है।
- (E) बच्चन ने कैथी लिपि को कायस्थों की लिपि कहा है: यह सत्य है।
Additional Information
- (C) बच्चन की आत्मकथा में उनकी दूसरी पत्नी तेजी बच्चन के साथ प्रेम और विवाह का वर्णन है: यह असत्य है। 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' में केवल श्यामा तक की कथा है, तेजी बच्चन का उल्लेख बाद के खंडों में है।
- (D) बच्चन ने अपनी माँ को पांच पैसे में लछमिनिया चमारिन को बेच दिया था: यह असत्य है। बच्चन की माँ ने बच्चन को पांच पैसे में लछमिनिया को बेचा था।
Top आत्मकथा MCQ Objective Questions
‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा श्रृंखला का कौन-सा भाग है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'क्या भूलूं क्या याद करूं' हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा श्रृंखला का पहला भाग है।
Important Points
- 'क्या भूलूं क्या याद करूं'1969 में हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा रचित आत्मकथा है।
- इस आत्मकथा के लिए उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था।
- हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहाबाद में एक कायस्थ परिवार मे हुआ था।
- इनको बाल्यकाल में 'बच्चन' कहा जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ 'बच्चा' या 'संतान' होता है।
- इनकी प्रमुख कृतियां-मधुशाला(1935),निशा निमंत्रण(1938),नीड़ का निर्माण फिर(1970),बसेरे से दूर(1977),दशद्वार से सोपान तक(1985),हलाहल(1946)आदि हैं।
Additional Information
- डॉ.शिवमंगल सिंह सुमन की राय में ऐसी अभिव्यक्तियाँ नई पीढ़ी के लिए पाठेय बन सकेंगी, इसी में उनकी सार्थकता भी है।
- यह चार खण्डों में हैः 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ', नीड़ का निर्माण फिर', 'बसेरे से दूर' और 'दशद्वार से सोपान तक'।
- यह हिंदी साहित्य की एक कालजयी कृति है।
हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा है -
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFहरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा है - क्या भूलूँ क्या याद करूँ
Key Pointsहरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित आत्मकथा हैं-
आत्मकथा | प्रकाशन वर्ष |
क्या भूलूं क्या याद करुं | 1969 ई. |
नीड़ का निर्माण फिर | 1970 ई. |
बसेरे से दूर | 1978 ई. |
दशद्वार से सोपान तक | 1985 ई. |
Additional Informationहरिवंशराय बच्चन-
- जन्म-1907-2003 ई.
- हिन्दी में हालावाद के प्रवर्तक है।
- प्रेम व मस्ती के कवि है।
- हिन्दी का 'बायरन' कहा जाता है।
- अन्य रचनाएँ-
- मधुशाला(1935 ई.)
- मधुबाला(1936 ई.)
- मधुकलश(1937 ई.)
- निशा निमंत्रण(1938 ई.)
- सतरंगिनी(1945 ई.) आदि।
निम्नलिखित में से सबसे पहले अपनी आत्मकथा हिंदी में किसने लिखी?
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - ‘राजेंद्र प्रसाद’।
- ‘राजेंद्र प्रसाद’ ने सबसे पहले अपनी आत्मकथा हिंदी में किसने लिखी।
Key Points
- राजेन्द्र बाबू ने अपनी आत्मकथा (1946) के अतिरिक्त कई पुस्तकें भी लिखी जिनमें बापू के कदमों में बाबू (1954), इण्डिया डिवाइडेड (1946),
सत्याग्रह ऐट चम्पारण (1922), गान्धीजी की देन, भारतीय संस्कृति व खादी का अर्थशास्त्र इत्यादि उल्लेखनीय हैं।
भीष्म साहनी की आत्मकथा का शीर्षक है -
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFभीष्म साहनी की आत्मकथा का शीर्षक है -आज के अतीत।
- इस आत्मकथा के माध्यम से भीष्म साहनी के जीवन की अनकही बातें सामने आती है।
Key Pointsआज के अतीत-
- रचनाकार-भीष्म साहनी
- विधा-आत्मकथा
- प्रकाशन वर्ष-2003 ई.
Important Pointsअतीत के चलचित्र-
- रचनाकार-महादेवी वर्मा
- विधा-रेखाचित्र
- प्रकाशन वर्ष-1941 ई.
Additional Informationआत्मकथा-
- किसी लेखक द्वारा अपने ही जीवन का वर्णन करने वाली कथा को कहते हैं।
रेखाचित्र-
- रेखा चित्र शब्द अंग्रेजी के " स्केच" शब्द का अनुवाद है तथा दो शब्दों रेखा और चित्र के योग से बना है।
- इस विधा में क्रम बंधुता का ध्यान रखकर किसी व्यक्ति की आकृति उसकी चाल ढाल यह स्वभाव का, किन्हीं विशेषताओं का शब्द द्वारा सजीव चित्रण किया है, उसे रेखाचित्र कहलाती है।
'क्या भूलूं क्या याद करूं' हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा श्रृंखला का कौन सा भाग है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF'क्या भूलूं क्या याद करूं' हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा श्रृंखला का-4)पहला भाग है।
Important Points
- 'क्या भूलूं क्या याद करूं'1969 में हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा रचित आत्मकथा है।
- इस आत्मकथा के लिए उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था।
- हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहाबाद में एक कायस्थ परिवार मे हुआ था।
- इनको बाल्यकाल में 'बच्चन' कहा जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ 'बच्चा' या 'संतान' होता है।
- इनकी प्रमुख कृतियां-मधुशाला(1935),निशा निमंत्रण(1938),नीड़ का निर्माण फिर(1970),बसेरे से दूर(1977),दशद्वार से सोपान तक(1985),हलाहल(1946)आदि हैं।
Additional Information
- डॉ.शिवमंगल सिंह सुमन की राय में ऐसी अभिव्यक्तियाँ नई पीढ़ी के लिए पाठेय बन सकेंगी, इसी में उनकी सार्थकता भी है।
- यह चार खण्डों में हैः 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ', नीड़ का निर्माण फिर', 'बसेरे से दूर' और 'दशद्वार से सोपान तक'।
- यह हिंदी साहित्य की एक कालजयी कृति है।
निम्न में से दलित आत्मकथा नहीं है-
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'मेरी असफलताएं'(1941ई.) रचना 'बाबू गुलाब राय' द्वारा रचित आत्मकथा है।
- 'बाबू गुलाब राय' हिंदी के एक प्रसिद्ध साहित्यकार, निबंधकार और व्यंग्यकार थे।
Additional Information
- जूठन - (1997ई.)
- आत्मकथा 'जूठन' में ओमप्रकाश वाल्मीकि ने एक दलित परिवार की शिक्षा के बारे में वर्णन किया है,
- जो समाज में शिक्षा और स्थिति के लिए संघर्ष कर रहा है।
- इस प्रकार यह दलित परिवार की पहचान कराने वाली कहानी है।
- 'जूठन' एक दलित जीवन की आत्मकथा के रूप में वास्तविक जीवन की कहानी के गुणों को दर्शाती है।
- अपने-अपने पिंजरे -(1995ई.)
- मोहनदास नैमिशय द्वारा रचित आत्मकथा एक हिन्दी साहित्य की पहली दलित आत्मकथा है।
- मोहनदास नैमिशराय की आत्मकथा ‘अपने-अपने पिंजरे’ दो भागों में लिखी गई रचना है।
- प्रथम भाग सन् 1995 में प्रकाशित हुआ और दूसरा सन् 2000 में।
- तिरस्कृत -(2002ई.)
- सूरजपाल चौहान की 'तिरस्कृत' आत्मकथा समकालीन हिन्दी दलित साहित्य में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।
- 'तिरस्कृत' के प्रकाशन (2002) से पूर्व सूरजपाल चौहान के कई आत्मकथांश समकालीन भारतीय साहित्य, हंस, युद्धरत आम आदमी, वर्तमान साहित्य आदि राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में छप चुके थे।
'झोपड़ी से राजभवन' किस साहित्यकार की आत्मकथा है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- झोपड़ी से राजभवन माताप्रसाद की रचना है
- झोपड़ी से राजभवन दलित आत्मकथा है
- बच्चन के अनुसार - जीवन की एक तस्वीर है आत्मकथा
Key Points
- सन् 1995 ई. में प्रकाशित मोहनदास नैमिशराय कृत 'अपने - अपने पिंजरे' हिंदी की पहली दलित आत्मकथा है
Important Pointsश्योराज सिंह बेचैन - बेवक्त गुज़र गया माली ( 2006 ) , मेरा बचपन मेरे कन्धो पर ( 2009 )
'अपनी धरती अपने लोग' किसकी आत्मकथा है?
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF- अपनी धरती अपने लोग -1996 - रामविलास शर्मा
- यह तीन खंडो में विभक्त आत्मकथा है।
Key Points
- तीन भाग:-
- मुंडेर पर सूरज
- देरसबेर में
- आपस की बातें
Additional Information
- हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा उनके द्वारा चार खण्डों में लिखी गई।
- जो हैं- भूलूं क्या याद करूं' (1969), 'नींड़ का निर्माण फिर' (1970), 'बसेरे से दूर' (1977), 'दशद्वार से सोपान तक' (1985) आदि।
- चतुरसेन शास्त्री : वैशाली की नगर वधू प्रसिद्ध उपन्यास
- वृन्दावनलाल वर्मा : अपनी कहानी वृन्दावनलाल वर्मा की आत्मकथा है।
'कुछ आपबीती कुछ जग बीती' आत्मकथा के लेखक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF'कुछ आपबीती कुछ जग बीती' आत्मकथा के लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र हैं।
Key Pointsकुछ महत्वपूर्ण आत्मकथा:-
- मेरी असफलताएँ (1941)- गुलाब राय
- मेरी आत्म कहानी (1963)- चतुरसेन शास्त्री
- क्या भूलू क्या याद करू (1969)- हरिवंशराय बच्चन
- आज के अतीत (2003)- भीष्म साहनी
Important Points
पूरा नाम | बाबू भारतेन्दु हरिश्चंद्र |
जन्म | 9 सितम्बर सन् 1850 |
जन्म भूमि | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 6 जनवरी, सन् 1885 |
मृत्यु स्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
कर्म-क्षेत्र | रचनाकार, साहित्यकार |
भाषा | हिन्दी |
प्रमुख्य रचनाएँ:-
- प्रेममालिका (1871)
- प्रेम माधुरी (1875)
- प्रेम-तरंग (1877)
- अंधेर नगरी (1881)
- भारत दुर्दशा (1880)
- प्रेम फुलवारी (1883)
Additional Informationहरिवंशराय बच्चन की मुख्य रचनाएँ:-
- मधुशाला (1935)
- मधुबाला (1936)
- मधुकलश (1937 )
- निशा निमंत्रण (1938)
- सतरंगिनी (1945 )
गुलाब राय की मुख्य रचनाएँ:-
- हिंदी साहित्य का सुबोध इतिहास (1940)
- हिंदी काव्य विमर्श (1947)
- मेरी असफलताएँ (1946)
- सिद्धांत और अध्ययन (1946)
- मन की बाते (1954)
चतुरसेन शास्त्री की मुख्य रचनाएँ:-
- अमर अभिलाषा
- अपराजिता
- धर्मपुत्र
- मेघनाथ
- सिंहगढ़ विजय
- वीरगाथा
'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' में लेखक ने अपने पिता के किस प्रकार के गीता - वाचन का उल्लेख किया है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आत्मकथा Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' में लेखक ने अपने पिता के गीता - वाचन का उल्लेख किया है-मौन रहकर|
Key Points
- क्या भूलूं क्या याद करूँ-हरिवंश राय बच्चन की बहुप्रशंसित आत्मकथा तथा हिन्दी साहित्य की एक कालजयी कृति है।
- यह चार खण्डों में हैः 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ', नीड़ का निर्माण फिर', 'बसेरे से दूर' और 'दशद्वार से सोपान तक'।
- प्रमुख पंक्तियाँ-अगणित उन्मादों के क्षण हैं,
अगणित अवसादों के क्षण हैं,
रजनी की सूनी घड़ियों को किन-किन से आबाद करूँ मैं!
क्या भूलूँ, क्या याद करूँ मैं!
Important Points
- हरिवंशराय बच्चन को हिंदी में हालावाद का प्रवर्तक माना जाता है।
- अन्य रचनाएँ-तेरा हार (1929),मधुशाला (1935)★,मधुबाला (1936)★,मधुकलश (1937)★,आत्म परिचय (1937),निशा निमंत्रण ★(1938),एकांत संगीत (1939),आकुल अंतर (1943)आदि।
Additional Information
- धर्मवीर भारती ने इसे हिन्दी के हज़ार वर्षों के इतिहास में ऐसी पहली घटना बताया जब अपने बारे में सब कुछ इतनी बेबाकी, साहस और सद्भावना से कह दिया है।
- डॉ॰ हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार- इसमें केवल बच्चन जी का परिवार और उनका व्यक्तित्व ही नहीं उभरा है, बल्कि उनके साथ समूचा काल और क्षेत्र भी अधिक गहरे रंगों में उभरा है।