इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है?

This question was previously asked in
Bihar STET Paper I: Hindi (9th Sept. 2020 - Shift 1)
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  1. मौन वाचन द्वारा एकाग्रचित होकर पढ़ा जाता है।
  2. पठन कौशल से छात्र उचित गति, विराम, हाव-भाव के साथ पढ़ना सीखते हैं।
  3. लेखन कौशल ज्ञान को संग्रहित करने में सहायक है।
  4. भाषा - कौशलों का हिन्दी शिक्षण में कोई महत्व नहीं है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भाषा - कौशलों का हिन्दी शिक्षण में कोई महत्व नहीं है।
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Bihar STET Paper 1 Mathematics Full Test 1
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मौन वाचन द्वारा एकाग्रचित होकर पढ़ा जाता है: 

  • मौन वाचन, पठन का एक प्रकार जिसमें लिखित सामग्री को बिना आवाज किए भावार्थ को समझते हुए पढ़ना शामिल होता है।
  • इसमें नेत्र और मस्तिष्क दोनो सक्रिय होते हैं तथा यह स्वाध्याय की रुचि जागृत करने में सहायक होता है।
  • गद्य के शिक्षण में मौन वाचन उपयोग में लाया जाता है। पद्य शिक्षण का उद्देश्य रसानुभूति कराना होता है, जो मौन-वाचन के द्वारा नहीं कराया जा सकता है।

पठन कौशल से छात्र उचित गति, विराम, हाव-भाव के साथ पढ़ना सीखते हैं:

  • पठन कौशल विकसित करने का अर्थ है, पढ़कर समझने की क्षमता का विकास करना।
  • पठन-प्रक्रिया में बालक लिखित या मुद्रित शब्दों को पढ़कर उनका भाव ग्रहण करता है।
  • किसी लिखित भाषा या चित्र को देखकर इसके भाव आशय का अर्थ ग्रहण करना पठन कहलाता है।
  • भाव और विचारों को, लिखित भाषा के माध्यम से अभिव्यक्ति को पढ़कर समझना ही पठन-प्रक्रिया है।

लेखन कौशल ज्ञान को संग्रहित करने में सहायक है:

  • विचारों को लिखित रूप देना अथार्त लिखने संबंधी कौशल लेखन कौशल कहलाता है।
  • इसके अन्तर्गत अपने भावों, विचारों को लिपिबद्ध रूप से अभिव्यक्त करने की क्षमता का विकास किया जाता है।
  • अतः इन्हें संग्रहित कर रखना सरल होता है।

अतः हम कह सकते हैं कि 'भाषा - कौशलों का हिन्दी शिक्षण में कोई महत्व नहीं है' सही कथन नहीं है।

Hint

  • हिन्दी शिक्षण में भाषा कौशलो पर दक्षता प्राप्त करने के लिए विभिन्न उपागम अपनाये जाते हैं।
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Last updated on Jan 29, 2025

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