हिन्दी बोली और उसका विकास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for हिन्दी बोली और उसका विकास - Download Free PDF

Last updated on Jun 20, 2025

Latest हिन्दी बोली और उसका विकास MCQ Objective Questions

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 1:

इस प्रश्न में दो कथन दिए गए हैं, इन दोनों कथनों का सम्यक् परीक्षण कर सही उत्तर का चयन कीजिए :

कथन (1) भाषा और बोली दोनों एक हैं।

कथन (2) : बोली विकसित होकर भाषा बन जाती है ।

  1. कथन (1) सही, कथन (2) गलत
  2. कथन (1) और कथन (2) दोनों सही
  3. कथन (1) गलत, कथन (2) सही
  4. कथन (1) और कथन (2) दोनों गलत
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कथन (1) गलत, कथन (2) सही

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - कथन (1) गलत, कथन (2) सही

Key Points

  • भाषा और बोली में अंतर होता है। भाषा व्यापक होती है और उसमें लिखित और औपचारिक नियम होते हैं,
  • जबकि बोली स्थानीय स्तर पर प्रयुक्त होने वाली भाषा का रूप हो सकती है जिसमें औपचारिक नियम नहीं होते हैं।
    • अत: कथन (2) सही है, जबकि कथन (1) सही नहीं है।

Additional Informationभाषा -

  • एक साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों और भावों को दूसरों तक पहुँचाता है और दूसरों के विचारों को समझता है।

बोली -

  • किसी विशेष क्षेत्र या सामाजिक समूह द्वारा बोली जाने वाली भाषा का एक रूप है, जो उस क्षेत्र के लोगों के बीच संचार का माध्यम होती है

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 2:

हिंदी भाषा के उद्भव का सही अनुक्रम क्या है? 

  1. अपभ्रंश, प्राकृत, पालि, हिंदी
  2. हिंदी, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश
  3. पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिंदी
  4. प्राकृत, हिंदी, अपभ्रंश, पालि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिंदी

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 2 Detailed Solution

हिंदी भाषा के उद्भव का सही अनुक्रम है- पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिंदी

Key Points

  • हिंदी भाषा के उद्भव का सही अनुक्रम पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, और फिर हिंदी है।

Important Points

  • हिंदी भाषा का उद्भव संस्कृत से माना जाता है, जो प्राचीन भारतीय भाषा है।
  • प्रारंभिक काल में, हिंदी का विकास प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओं के माध्यम से हुआ।
  • 12वीं सदी में हिंदी कविता और साहित्य का प्रारंभ हुआ,
  • जिसमें सूरदास और तुलसीदास जैसे कवियों का योगदान महत्वपूर्ण रहा।

हिंदी भाषा का विकास:

  • आदिकाल (1000 ई. से 1500 ई.):
    • इस काल में हिंदी के विभिन्न रूप जैसे 'डिंगल', 'पिंगल' हिंदी का विकास हुआ
  • मध्यकाल (1500 ई. से 1800 ई.):
    • इस काल में ब्रज, अवधी और खड़ी बोली जैसे बोलियों का विकास हुआ
  • आधुनिक काल (19वीं सदी से अब तक):
    • इस काल में हिंदी गद्य का विकास हुआ, जिसमें निबंध, कहानी, उपन्यास, आलोचना आदि शामिल हैं

Additional Information पालि:

  • यह बौद्ध धर्म के ग्रंथों की भाषा थी और इसका उपयोग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी तक किया गया था

प्राकृत:

  • यह पालि के बाद आई और इसका उपयोग विभिन्न धार्मिक और साहित्यिक ग्रंथों में किया गया था। यह लगभग 1500 वर्षों तक उपयोग में रही

अपभ्रंश:

  • यह प्राकृत का ही एक बिगड़ा हुआ रूप था और इसका उपयोग 6वीं शताब्दी से 11वीं शताब्दी तक किया गया था।
    • यह हिंदी भाषा के विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाती है

हिंदी:

  • यह अपभ्रंश से विकसित हुई और आज भारत की एक प्रमुख भाषा है

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 3:

पश्चिमी हिन्दी की बोली नहीं है :

  1. कौरवी
  2. खड़ी बोली
  3. कन्नौजी
  4. अवधी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अवधी

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 3 Detailed Solution

पश्चिमी हिन्दी की बोली अवधी नहीं है।

  • यह अवध क्षेत्र में बोली जाती है।

Key Pointsअवधी-

  • यह उत्तर प्रदेश के "अवध क्षेत्र" लखनऊरायबरेलीसुल्तानपुरबाराबंकीउन्नावहरदोईसीतापुरलखीमपुर गोंडा,बस्ती आदि जिलों में बोली जाती है।
  • गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस अवधी में लिखी गयी है।

Additional Informationकौरवी-

  • कौरवी दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जानेवाली मध्य हिंद-आर्य बोलियों में से एक है।
  • कौरवी से पुरानी हिंदी का विकास हुआ।

खड़ी बोली-

  • खड़ी बोली यानि ठेठ हिंदी जिसपर अवधी या ब्रजभाषा की छाप ना हो।
  • 18वीं शताब्दी में खड़ी बोली में लिखना प्रारंभ हुआ।
  • खड़ी बोली का साहित्य काफी समृद्ध है।

कन्नौजी-

  • कन्नौज और उसके आस-पास बोली जाने वाली भाषा को कन्नौजी या कनउजी भाषा कहते हैं।
  • ‘कान्यकुब्ज’ से ‘कन्नौज’ शब्द व्युत्पन्न हुआ और कन्नौज के आस-पास की बोली ‘कन्नौजी’ नाम से अभिहित की गयी।

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 4:

'रामचरितमानस' की भाषा क्या है?

  1. अवधी
  2. ब्रज
  3. खड़ी बोली
  4. भोजपुरी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अवधी

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 4 Detailed Solution

रामचरितमानस की भाषा - अवधी

  • लेखक - गोस्‍वामी तुलसीदास
  • शैली - चौपाई और दोहा
  • विधा - प्रबन्ध काव्य

विशेष -

  • 'रामचरितमानस' एक चरित-काव्य है, जिसमें श्री राम का सम्पूर्ण जीवन-चरित वर्णित हुआ है।

अन्य विकल्प गलत हैं।

Important Points

  • रामचरितमानस के सातों काण्डों के नाम = बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड और उत्तरकाण्ड
  • इसमें चौपाई, दोहा, सोरठा, श्लोक और छन्द की कुल संख्या 10902 है। 

Additional Informationगोस्‍वामी तुलसीदास - 

  • जन्म - बांदा जिले के राजपुर में,13 अगस्त 1532
  • रचना - रामलला नहछूहनुमान चालीसा,  गीतावलीसाहित्य रत्नतुलसी सत्सईगीतावलीकृष्ण गीतावली या कृष्णावलीबरवई रामायणपार्वती मंगलदोहावली आदि। 

निधन - 31 जुलाई 1623

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 5:

'दुकान' किस भाषा का शब्द है?

  1. तुर्की
  2. पुर्तगाली
  3. फारसी
  4. अरबी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : फारसी

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 5 Detailed Solution

  • “दूकान” फारसी भाषा का शब्द है। अत: विकल्प फारसी उचित समाधान है। 

 

  • “दुकान” फारसी शब्द है या तुर्की इस विष़य़ में भाषाकोश,व्याकरण आदि के आधार पर भाषाविदो में एक मत नही है।
  • फिर भी मताधिक्य के आधार पर “दुकान” फारसी शब्द है ऐसा माना जाता है।   

  • फारसी में “दुकान” का मूल रुप दोकाँ है। 
  • तुर्की में “दुकान” का मूल रुप दूक्काँ और 
  • अरबी में “दुकान” का मूल रुप दुक्काँ

Important Points

  • विदेशी शब्द :-विदेशी भाषाओं से हिंदी भाषा में आये शब्दों को 'विदेशी' शब्द' कहते है।
  • दूसरे शब्दों में-जो शब्द विदेशियों के संपर्क में आने पर विदेशी भाषा से हिंदी में आए, वे शब्द विदेशी शब्द कहलाते हैं।
  • सरल शब्दों में- जो शब्द विदेशी भाषाओं से हिन्दी में आ गये है, उन्हें विदेशी शब्द कहते है।
  • आजकल हिंदी भाषा में अनेक विदेशी शब्दों का प्रयोग किया जाता है ; जैसे-
  • अँगरेजी- हॉस्पिटल, डॉक्टर, बुक, रेडियो, पेन, पेंसिल, स्टेशन, कार, स्कूल, कंप्यूटर, ट्रेन, सर्कस, ट्रक, टेलीफोन, टिकट, टेबुल इत्यादि।
  • फारसी- आराम, अफसोस, किनारा, गिरफ्तार, नमक, दुकान, हफ़्ता, जवान, दारोगा, आवारा, काश, बहादुर, जहर, मुफ़्त, जल्दी, खूबसूरत, बीमार, शादी, अनार, चश्मा, गिरह इत्यादि।
  • अरबी- असर, किस्मत, खयाल, दुकान, औरत, जहाज, मतलब, तारीख, कीमत, अमीर, औरत, इज्जत, इलाज, वकील, किताब, कालीन, मालिक, गरीब, मदद इत्यादि।
  • तुर्की से- तोप, काबू, तलाश, चाकू, बेगम, बारूद, चाकू इत्यादि।
  • चीनी से- चाय, पटाखा,आदि।
  • पुर्तगाली से- कमीज, साबुन, अलमारी, बाल्टी, फालतू, फीता, तौलिया इत्यादि।

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हिन्दी भाषा की कितनी उपभाषाएँ हैं ? 

  1. चार
  2. दस
  3. आठ
  4. पाँच

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : पाँच

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 6 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में से "पाँच" हिन्दी भाषा की उपभाषाएँ हैं। 

Key Points

  • हिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं-
  • पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है।
  • इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं।

Important Pointsबोली -  

  • एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।

उपभाषा - 

  • अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है,
  • तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।

भाषा-

  • साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं,
  • तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।

Additional Information

उपभाषा बोलियाँ मुख्य क्षेत्र
राजस्थानी मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),

जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी),

राजस्थान
पश्चिमी हिन्दी (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी

(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली

हरियाणा, उत्तर प्रदेश
पूर्वी हिन्दी अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश
बिहारी भोजपुरी, मगही बिहार, उत्तर प्रदेश
पहाड़ी पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश

'भाषा संवर्धिनी सभा' कहाँ स्थापित की गई थी? 

  1. देवरिया
  2. प्रयाग
  3. अलीगढ़ 
  4. वाराणसी 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अलीगढ़ 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 7 Detailed Solution

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सही उत्तर अलीगढ़ है।  

  • अलीगढ़ में 1877 में भाषा संवर्धिनी सभा बनी। 
  • 'भाषा संवर्धिनी सभा' के संस्थापक बाबू तोताराम थे। 

Key Points

बाबू तोताराम

  • इनका जन्म अलीगढ़ के नगला सिंह में 1847 में हुआ।
  • हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 'भारत-बंधु' पत्र निकाला।
  • भारतवर्षीय नेशनल एसोसिएशन का गठन किया।
  • 1894 में सार्वजनिक पुस्तकालय की नींव डाली जिसका नाम लायल लाइब्रेरी रखा गया। 
  • इन्होंने 11 ग्रंथों की रचना की। 
  • 7 दिसंबर 1902 में तोताराम का निधन हो गया।

निम्नलिखित में से कौन सी भाषा पश्चिमी हिंदी से संबंध रखती है ?

  1. बाँगरू
  2. राजस्थानी
  3. अवधी
  4. भोजपुरी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बाँगरू

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 8 Detailed Solution

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निम्नलिखित में से बाँगरू पश्चिमी हिंदी से संबंधित है।

Key Points

  • पश्चिमी हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
  • पश्चिमी हिंदी की बोलियां-ब्रजभाषा,कन्नौजी,बुंदेली,कौरवी/खड़ी बोली,हरियाणवी(जाटू, बाँगरू),दक्खिनी।
  • पूर्वी हिंदी का विकास अर्धमागधी से हुआ है।
  • पूर्वी हिंदी की बोलियां-अवधि,बघेली,छत्तीसगढ़ी।

Additional Information 

  • शौरसेनी अपभ्रंश के अंतर्गत राजस्थानी हिंदी,पहाड़ी हिंदी,पश्चिमी हिंदी आती है।
  • राजस्थानी हिंदी की बोलियां-मारवाड़ी,मालवी,मेवाती,जयपुरी।
  • पहाड़ी हिंदी की बोलियां-कुमाउँनी,गढ़वाली।
  • बिहारी हिंदी की बोलियां-भोजपुरी,मगही,मैथिली।

इनमें से कौन-सी बोली अर्धमागधी अपभ्रंश से निकली है?

  1. बुन्देली
  2. भोजपुरी
  3. बघेली 
  4. कौरवी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बघेली 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 9 Detailed Solution

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सही उत्तर बघेली है।

  • बघेली भारत के बघेलखण्ड क्षेत्र में बोली जाती है।
  • बघेले राजपूतों के आधार पर रीवा तथा आसपास का क्षेत्र बघेलखंड कहलाता है वहीं की बोली को बघेली या बघेलखंडी  कहलाती हैं।

Key Points

अपभ्रंश और आधुनिक भारतीय भाषाएँ -

  • शौरसेनी
    • पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली),
    • गुजराती, 
    • राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी) 
  • अर्धमागधी
    • पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
  • मागधी
    • बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
  • खस
    • पहाड़ी हिन्दी
  • पैशाची
    • लहंदा, पंजाबी
  • ब्राचड़
    • सिन्धी
  • महाराष्ट्री 
    • मराठी

न‍िम्‍नल‍िख‍ित बोल‍ियों में से कौन - सी बोली उत्तर प्रदेश में सामान्‍यत: नहीं बोली जाती?    

  1. अवधी
  2. ब्रज
  3. मैथ‍िली
  4. खड़ी बोली

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मैथ‍िली

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 10 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में उचित उत्तर ‘मैथ‍िली’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।

Key Points

  • मैथ‍िली बोली उत्तर प्रदेश में सामान्‍यत: नहीं बोली जाती है।
  • मैथ‍िली- मैथिली मुख्य रूपर से भारत के बिहार राज्य और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की भाषा है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगती है।

अन्य विकल्प - 

अवधी

अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश के "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा,बस्ती, बहराइच,बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती तथा फतेहपुर) में बोली जाती है।

ब्रजभाषा

हिन्दी की एक उपभाषा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में बोली जाती है। इसके अलावा यह भाषा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ जनपदों में भी बोली जाती है।

खड़ी बोली

यह वह भाषा है जो मोटे तौर पर आज की मानक हिन्दी का एक पूर्वरूप है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से इसे आदर्श (स्टैंडर्ड) हिंदी, उर्दू तथा हिंदुस्तानी की आधार स्वरूप बोली होने का गौरव प्राप्त है। किन्तु 'खड़ी बोली' से आपस में मिलते जुलते अनेक अर्थ निकाले जाते हैं।

 

Additional Information

बोली- बोली भाषा का प्रारंभिक रूप कहलाती है। यह एक सीमित क्षेत्र तक बोली जाती है। अर्थात भाषा के क्षेत्रीय रूप को बोली कहते हैं। जब एक ही भाषा अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से बोली जाती है, तो उसे बोली कहते हैं।

पूर्वी हिन्दी के अन्तर्गत कौन-सी बोली नहीं आती है?

  1. छत्तीसगढ़ी
  2. भोजपुरी 
  3. बघेली
  4. अवधी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : भोजपुरी 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 11 Detailed Solution

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सही उत्तर भोजपुरी है। 

  • भोजपुरी भाषा का नामकरण बिहार राज्य के आरा ज़िले में स्थित भोजपुर नामक गाँव के नाम पर हुआ है।
  • भोजपुरी भाषा 1000 से अधिक साल पुरानी भाषा है।
  • भोजपरी की उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुआ है। 
  • भोजपुरी भाषा की प्रधान बोलियाँ
    • आदर्श भोजपुरी
    • पश्चिमी भोजपुरी
    • 'मघेसी' तथा 'थारु'

Key Points

पश्चिमी हिंदी और पूर्वी हिंदी- 

  • पूर्वी हिंदी में तीन बोलियाँ आती हैं - 
    • अवधी
    • बघेली
    • छत्तीसगढ़ी
  • पश्चिमी हिन्दी की पाँच बोलियाँ हैं -
    • खड़ी बोली
    • हरियाणवी
    • ब्रजभाषा
    • कन्नौजी
    • बुंदेली

इनमें से किस राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है?

  1. असम 
  2. छत्तीसगढ़
  3. हिमाचल प्रदेश
  4. झारखंड

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : असम 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 12 Detailed Solution

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असम राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है।

  • छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश व झारखंड की राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी है। 
  • असम में असमिया मुख्य राजभाषा है।
  • असमिया लिपि मूलत: ब्राह्मी का ही एक विकसित रूप है।
  • असम में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ बांग्ला, हिन्दी, बोडो, नेपाली। 

असमिया साहित्य का मूल रूप मुख्यत: तीन लेखकों द्वारा निर्मित हुआ - 

  • चंद्रकुमार अग्रवाल (1858-1938)
  • लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ (1858-1938)
  • हेमचंद्र गोस्वामी (1872-1928)

Key Pointsअन्य विकल्प - 

छत्तीसगढ़ 

  • यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है। 
  • छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा है।
  • छत्तीसगढ़ी २ करोड़ लोगों की मातृभाषा है।
  • इसकी लिपि देवनागरी है।
  • छत्तीसगढ़ में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ ओड़िया, बांग्ला, तेलुगु। 

हिमाचल प्रदेश

  • यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है। 
  • हिमाचल प्रदेश में बोले जाने वाली भाषा का नाम पहाड़ी है।
  • हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ पंजाबी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी

झारखंड

  • यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है। 
  • झारखंड प्रदेश में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मुख्यतः नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया कुरमाली है।
  • झारखंड प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ सन्थाली, बांग्ला, उर्दू, ओड़िया

Additional Information

क्षेत्र  मुख्य राजभाषा
अंडमान एवं निकोबार बांग्ला
केरल मलयालम
बिहार हिन्दी
गोवा कोंकणी
गुजराती गुजराती
दिल्ली हिन्दी
लद्दाख  लद्दाखी
लक्षद्वीप मलयालम
मध्य प्रदेश  हिन्दी
ओड़ीसा ओड़िया
पंजाब पंजाबी
राजस्थान हिन्दी
सिक्किम नेपाली
तमिलनाडु तमिल
उत्तराखण्ड हिन्दी
पश्चिम बंगाल बांग्ला
उत्तर प्रदेश हिन्दी
तेलंगना
तेलुगु 
त्रिपुरा  बांग्ला
पुद्दुचेरी तमिल
नागालैंड  नागा 
महाराष्ट्र मराठी
मणिपुर मणिपुरी
मेघालय खासी 
मिजोरम मिजो
कर्नाटक  कन्नड
जम्मू-कश्मीर  कश्मीरी 
आंध्र प्रदेश तेलुगु

'बनाफरी' इनमें से किस बोली की उप-बोली है ?

  1. कौरवी 
  2. बघेली 
  3. ब्रज 
  4. इनमें से कोई नहीं 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : इनमें से कोई नहीं 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 13 Detailed Solution

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सही उत्तर 4 है।

  • बनाफरी, बुन्देली की एक उपबोली है।
  • बुंदेली भारत के एक विशेष क्षेत्र बुन्देलखण्ड में बोली जाती है।
  • लेकिन ठेठ बुंदेली के शब्द अनूठे हैं जो सदियों से आज तक प्रयोग में आ रहे हैं।
  • बुंदेलखंडी के ढेरों शब्दों के अर्थ बंग्ला तथा मैथिली बोलने वाले आसानी से बता सकते हैं।

Key Pointsउपभाषाएँ  बोलियाँ -

  1. पूर्वी हिंदी - अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी
  2. पश्चिमी हिंदी - कौरवी, (खड़ी बोली), ब्रजभाषा, कन्नौजी,  बुंदेली, हरियाणी
  3. पहाड़ी - पश्चिमी पहाड़ी, मध्यवर्ती (कुमाऊनी, गढ़वाली)
  4. राजस्थानी - पश्चिमी राजस्थानी, (मारवाड़ी), पूर्वी राजस्थानी, (जयपुरी), उत्तरी राजस्थानी (मेवाती), दक्षिणी राजस्थानी (मालवी)
  5. बिहारी - मगही, मैथिली, भोजपुरी।

Additional Information

कौरवी:-

  • कौरवी बोली, खड़ी बोली या दिल्ली बोली दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जानेवाली मध्य हिंद-आर्य बोलियों में से एक है।
  • पुरानी कौरवी से ही पुरानी हिंदी का विकास हुआ, जिनसे हिंदुस्तानी और बाद में हिंदी और उर्दू का विकास हुआ।

बघेली:-

  • बघेली या बाघेली बोली, हिन्दी की एक बोली है जो भारत के बघेलखण्ड क्षेत्र में बोली जाती है।
  •  यह मध्य प्रदेश के रीवा, सतना, सीधी,सिंगरौली, उमरिया, एवं शहडोल,अनूपपुर में; उत्तर प्रदेश के जिलों में तथा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर एवं कोरिया जनपदों में बोली जाती है। इसे "बघेलखण्डी", "रिमही" और "रिवई" भी कहा जाता है।

ब्रज:-

  • ब्रजभाषा एक क्षेत्रीय ग्रामीण भाषा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में बोली जाती है।
  • इसके अलावा यह भाषा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ जनपदों में भी बोली जाती है।
  • अन्य भारतीय भाषाओं की तरह ये भी संस्कृत से जन्मी है। इस भाषा में प्रचुर मात्रा में साहित्य उपलब्ध है।
  • भारतीय भक्ति काल में यह भाषा प्रमुख रही।

मध्‍यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल:

  1. 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक
  2. 1000 ई. से 21 वीं तक
  3. 1500 ई. पूर्व से 500 ई. पूर्व तक
  4. 500 ई. से 1000 ई. तक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 14 Detailed Solution

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मध्‍यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक है। अन्य सभी विकल्प असंगत है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1- 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक है।

Key Points

हिंदी का जन्म और विकास भारतीय आर्यभाषाओं से हुआ है, मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषाओँ के विकास क्रम को मुख्यतः तीन भागों में हम देख सकते हैं:

1. पाली तथा अशोक की धर्म-लिपियाँ (500 ई.पू. - 1 ई.पू.)

2. साहित्यिक प्राकृत भाषाएं (1 ई. - 500 ई.)

3. अपभ्रंश भाषाएं (500 ई. – 1000 ई.)

Additional Information

भारतीय आर्यभाषाओँ को तीन कालखंडों में मुख्य रूप से विभाजित किया गया है - 

  1. प्राचीन भारतीय आर्यभाषा-काल

(1500 ई०पू० से 500 ई०पू० तक)

  1. मध्यकालीन  भारतीय आर्यभाषा-काल

(500 ई०पू० से 1000  ई० तक)

  1. आधुनिक भारतीय आर्यभाषा-काल     

(1000 ई० से अब तक)

हिंदी भाषा किस भाषा से उत्पन्न हुई है ?

  1. संस्कृत
  2. बिहारी
  3. अपभ्रंश
  4. द्रविड़

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अपभ्रंश

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 15 Detailed Solution

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इस प्रश्न का सही उत्तर अपभ्रंश है।

अत: सही विकल्प 3 होगा।

  • संस्कृत ►पालि►प्राकृत►अपभ्रंश►अवहट्ट►प्राचीन/आधुनिक हिन्दी।

Key Pointsअपभ्रंश तथा उनसे विकसित उपभाषा एंव बोलियाँः- 

अपभ्रंश  उपभाषा और बोलियाँ
शौरसेनी

1) पश्चिमी हिन्दी - खडी बोली, ब्रजभाषा , हरियाणी, बुन्देली, कन्नौजी

2) राजस्थानी हिन्दी - मारवाडी , जयपुरी , मेवाती , मालवी 

3) पहाडी - कुमायूँनी , गढ़वाली , नेपाली 

4) गुजराती - गुजराती

अर्धमागधी 1) पूर्वी हिन्दी - अवधी, बघेली , छत्तीसगढी
मागधी
 

 

1) बिहारी - भोजपुरी, मगही, मैथिली 

2) बंगला 

3)उडिया

3)असमिय

 

पैशाची

1) लंहदा   2) पंजाबी

महाराष्ट्री

1) मराठी
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