छायावादी युग MCQ Quiz - Objective Question with Answer for छायावादी युग - Download Free PDF

Last updated on Jun 27, 2025

Latest छायावादी युग MCQ Objective Questions

छायावादी युग Question 1:

'कामायनी' के रचनाकार कौन हैं?

  1. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
  2. सुमित्रानंदन पंत
  3. महादेवी वर्मा
  4. जयशंकर प्रसाद
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जयशंकर प्रसाद

छायावादी युग Question 1 Detailed Solution

कामायनी’ के रचनाकार ‘जयशंकर प्रसाद’ हैं। अत: इसका सही उत्तर जयशंकर प्रसाद’ हैं। अन्य विकल्प अनुचित हैं।

Key Points

  • प्रसिद्ध कृति ‘कामायनी’ के रचनाकार ‘जयशंकर प्रसाद’ है। इस महाकाव्य में 15 सर्ग हैं।
  • इनकी अन्य रचनाएँ हैं- झरना, आँसू, वन-मिलन, चित्रधारा आदि।

अन्य विकल्प:

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

परिमल, गीतिका, अनामिका, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, अणिमा,

सुमित्रानंदन पंत

चितम्बरा, वीणा, ग्राम्या

महादेवी वर्मा नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत 

छायावादी युग Question 2:

'अतीत के चलचित्र' के रचनाकार का नाम है -

  1. धर्मवीर भारती
  2. महादेवी वर्मा
  3. मन्नू भण्डारी
  4. उपेन्द्र नाथ 'अश्क'
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : महादेवी वर्मा

छायावादी युग Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर 'महादेवी वर्माहैं।

  • 'अतीत के चलचित्र' के रचनाकार का नाम 'महादेवी वर्मा हैं।
  • महादेवी वर्मा एक भारतीय लेखिका हैं,वह हिंदी साहित्य में छायावाद आंदोलन की प्रमुख कवयित्री थीं।
  • महादेवी वर्मा की कविता में निहार (1930), रश्मि (1932), नीरजा (1934) और संध्या गीत (1936) शामिल हैं, ये सभी यम (1940) में एकत्र किए गए हैं।

Key Points अन्य विकल्पों का विश्लेषण:

  • धर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे।
  • कृतियां: मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, साँस की कलम से।
  • मन्नू भंडारी हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार थीं। 
  • कृतियां: एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर यही सच है, त्रिशंकु आंखों देखा झूठ
  • उपेन्द्र नाथ अश्क उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे।
  • कृतियां: गिरती दीवारें, शहर में घूमता आईना, गर्म राख, सितारों के खेल, सत्तर श्रेष्ठ कहानियां, जुदाई की शाम के गीत, काले साहब।

छायावादी युग Question 3:

जयशंकर प्रसाद का आरम्भिक उपनाम क्या था ?

  1. मधुप
  2. रसिक
  3. कलाधर
  4. रंजन
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कलाधर

छायावादी युग Question 3 Detailed Solution

जयशंकर प्रसाद का आरम्भिक उपनाम कलाधर था। 

  • जयशंकर प्रसाद 'कलाधर' उपनाम से ब्रजभाषा में कविताएँ लिखते थे। 

Key Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937 ई. 
  • बाल्य नाम-झारखंडी 
  • छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • उर्वशी(1909 ई.)
    • वन मिलन(1909 ई.)
    • कानन कुसुम(1913 ई.)
    • प्रेमपथिक(1913 ई.)
    • चित्राधार(1918 ई.)
    • झरना(1918 ई.)
    • आँसू(1925 ई.) आदि। 

Important Pointsमधुप-

  • यह उपनाम मैथिलीशरण गुप्त का है। 
  • इन्होंने मधुप उपनाम से बांग्ला रचनाओं का अनुवाद किया। 

रसिक-

  • यह उपनाम सन्तकुमार टंडन 'रसिक' का है।

Additional Informationमैथिलीशरण गुप्त-

  • जन्म-1886-1964 ई. 
  • द्विवेदी युगीन मुख्य रचनाकार है। 
  • रचनाएँ-
    • रंग में भंग(1909 ई.)
    • पंचवटी(1925 ई.)
    • साकेत(1931 ई.)
    • यशोधरा(1932 ई.)
    • द्वापर(1936 ई.)
    • जयभारत(1952 ई.) आदि। 

छायावादी युग Question 4:

जयशंकर प्रसाद की किस रचना में सर्वप्रथम छायावादी प्रवृत्तियों की झलक मिलती है ? 

  1. कामायनी 
  2. आँसू 
  3. झरना 
  4. लहर
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : झरना 

छायावादी युग Question 4 Detailed Solution

जयशंकर प्रसाद की रचना झरना में सर्वप्रथम छायावादी प्रवृत्तियों की झलक मिलती है

झरना --

  • प्रकाशन वर्ष -- 1918 ई.
  • विधा -- काव्य 
  • झरना को छायावाद की प्रथम रचना स्वीकार किया जाता है।
  • झरना को छायावाद की प्रयोगशाला भी कहा जाता है

Key Pointsजयशंकर प्रसाद --

  • जन्म -- 1889 - 1937 ई.
  • काव्य कृतियां - 
    • उर्वशी (1954 )
    •  मिलन (1909)
    • प्रेमराज ( 1909 )
    • अयोध्या का उद्धार (1910),
    • प्रेम-पथिक (1914)
    • करुणालय
    • महाराणा का महत्त्व (1914)
    • चित्राधार (1918)
    • कानन कुसुम (1913)

Important Pointsआँसू --

  • प्रकाशन वर्ष -- 1925 ई.
  • आँसू को हिंदी का  मेघदूत कहा जाता है।
  • आँसू 133 छंदों का विरह प्रधान स्मृति काव्य है।

कामायनी --

  • प्रकाशन वर्ष -- 1935 ई.
  • कामायनी जयशंकर प्रसाद का प्रसिद्ध महाकाव्य है।
  • शांतिप्रिय द्विवेदी ने कामायनी को छायावाद का उपनिषद कहा है।
  • कामायनी में 15 सर्ग हैं।
    • चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा , कर्म,  ईर्ष्या, ईड़ा, स्वप्न, संघर्ष, निर्वेद, दर्शन, रहस्य ,आनंद।

छायावादी युग Question 5:

'नीहार' तथा 'रश्मि' काव्य संग्रह किस रचनाकार के हैं?

  1. सुभद्राकुमारी चौहान
  2. सियारामशरण गुप्त
  3. महादेवी वर्मा
  4. सोहनलाल द्विवेदी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : महादेवी वर्मा

छायावादी युग Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर 'महादेवी वर्मा' है।
Key Points 
  • महादेवी वर्मा ने अधिकतर भावप्रधान गीत लिखें हैं ।
  • महादेवी का अज्ञात प्रिय के प्रति दुःख प्रणय दुःखप्रधान है ।
  • छायावाद कवियों में सर्वाधिक रहस्यभावना महादेवी वर्मा में पाई जाती है।
  • महादेवी वर्मा की रचना 'यामा' में 'निहार' , 'रश्मि' , 'नीरजा' तथा 'सांध्यगीत' के महत्वपूर्ण गीतों का संकलन किया गया।
  • नीहार - 1930 ई.
  • सांध्यगीत - 1936 ई.
  • नीरजा - 1935 ई.

अन्य विकल्प -​

 रचनाकार 

रचनाएँ 

सुभद्राकुमारी चौहान

मुकुल , त्रिधारा 

सियारामशरण गुप्त

खण्ड काव्य- मौर्य विजय(1914), अनाथ(1917), आर्द्रा(1927), विषाद(1925), दूर्वा दल(1924), आत्मोत्सर्ग(1931), पाथेय(1933), मृण्मयी(1936), बापू(1937), उन्मुक्त(1940), दैनिकी(1942), नकुल(1946), सुनन्दा और गोपिका।

सोहनलाल द्विवेदी

भैरवी,पूजागीत सेवाग्राम, प्रभाती,युगाधार, कुणाल, चेतना, बाँसुरी

 

Top छायावादी युग MCQ Objective Questions

निम्नलिखित में से कौन सी 'सुमित्रानंदन पंत' की कृति नहीं है ?

  1. कुरुक्षेत्र
  2. वीणा
  3. पल्लव
  4. स्वर्णधूलि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : कुरुक्षेत्र

छायावादी युग Question 6 Detailed Solution

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"कुरुक्षेत्र" सुमित्रानंदन पंत की कृत‍ि नहीं है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

  • कुरुक्षेत्र रामधारी स‍िंह द‍िनकर काव्‍य रचना है।
  • कुरुक्षेत्र प्रकाशन वर्ष- 1946 
रचनाकार  रचनाऍं
रामधारी स‍िंंह द‍िनकर  बारदोली-विजय संदेश (1928), प्रणभंग (1929),  रेणुका (1935),  हुंकार (1938), रसवन्ती (1939),  धूप-छाँह (1947),  रश्मिरथी (1952) आद‍ि। 

Important Points

  • वीणा, पल्‍लव और स्‍वर्णधूलि आद‍ि सभी रचनाऍं 'सुमित्रानंदन पंत' की हैं। 
  • 'सुमित्रानंदन पंत' की अन्‍य रचनाऍं- गुंजन, युगान्‍त, युगवाणी, उत्तरा, लोकायतन आद‍ि। 

कौन सी काव्य रचना महादेवी वर्मा की नहीं है?

  1. बेला
  2. सांध्यगीत
  3. नीहार
  4. नीरजा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बेला

छायावादी युग Question 7 Detailed Solution

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  • बेला (1946 ई.) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की रचना है ।
  • निराला को छायावाद का 'शलाका पुरुष' भी कहा जाता है ।

Key Points

  • महादेवी वर्मा ने अधिकतर भावप्रधान गीत लिखें हैं ।
  • महादेवी का अज्ञात प्रिय के प्रति दुःख प्रणय दुःखप्रधान है ।
  • छायावाद कवियों में सर्वाधिक रहस्यभावना महादेवी वर्मा में पाई जाती है ।

  

  • महादेवी वर्मा की रचना 'यामा' में 'निहार' , 'रश्मि' , 'नीरजा' तथा 'सांध्यगीत' के महत्वपूर्ण गीतों का संकलन किया गया ।
  1. नीहार - 1930 ई.
  2. सांध्यगीत - 1936 ई.
  3. नीरजा - 1935 ई.

'अनामिका' काव्य किनके द्वारा रचित है?

  1. अज्ञेय
  2. निराला
  3. धूमिल
  4. सुमन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : निराला

छायावादी युग Question 8 Detailed Solution

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अनामिका महाप्राण निराला की प्रसिद्ध रचना है, अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।

अत: यहाँ सही विकल्प 2) निराला ही होगा। 

Key Points

  • अनामिका - यह एक काव्य संग्रह है।
  • 8 कविताएँ इसमें संकलित है।

Additional Information

निराला की  अन्य श्रेष्ठ रचनाएँ- 

  • राम की शक्ति पूजा
  • सरोज स्मृति
  • परिमल
  • तुलसीदास  आदि

'चिदम्बरा' पर ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे प्राप्त हुआ?

  1. मैथिलीशरण गुप्त को
  2. सुमित्रानंदन पंत को
  3. अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध को
  4. रामधारी सिंह दिनकर को

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सुमित्रानंदन पंत को

छायावादी युग Question 9 Detailed Solution

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'चिदम्बरा' पर ज्ञानपीठ पुरस्कार-2) सुमित्रानंदन पंत को प्राप्त हुआ।

Key Points

  • यह पुरस्कार 1968 में मिला 
  • 1960 में 'कला और बूढ़ा चाँद' काव्य संग्रह के लिए 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' प्राप्त हुआ।
  • 1961 में 'पद्मभूषण' की उपाधि से विभूषित हुये।
  • 1964 में विशाल महाकाव्य 'लोकायतन' का प्रकाशन हुआ। 

Important Points 

  • पन्त जी की साहित्यिक यात्रा के तीन प्रमुख पडाव हैं- छायावादी,प्रगतिवादी तथा तीसरे में अरविन्द दर्शन से प्रभावित अध्यात्मवादी।
  • इनकी अन्य रचनायें-वाणी,उच्छास(1922),पल्लव(1926),ग्रंथि,गुंजन,युगांत,स्वर्णकिरण,स्वर्णधूलि,लोकायतन आदि हैं 
  • 1953 ई. में मैथिलीशरण गुप्त को पद्म विभूषण से सम्मानित किया। 
  • उनकी कृति भारत-भारती ​(1912) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई थी। 
  • महात्मा गाँधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी भी दी थी।  

Additional Information

  • हिंदी खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य प्रिय-प्रवास(1914) है,जिसके लिए अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध को मंगलाप्रसाद पुरस्कार मिला।
  • इनकी अन्य रचनायें-वैदेही वनवास(1940),पारिजात(1937),रस-कलश(1940),ठेठ हिंदी का ठाठ,अधखिला फूल आदि हैं
  • रामधारी सिंह दिनकर को संस्कृति के चार अध्याय(1956) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला 
  • उर्वशी(1961) के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला    

'सुन्‍दर है विहग, सुमन सुन्‍दर, मानव तुम सबसे सुन्‍दरतम' उक्‍त पंक्ति किस कवि की है-

  1. जयशंकर प्रसाद
  2. सुमित्रानंदन पंत
  3. निराला
  4. मैथिलीशरण गुप्‍त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सुमित्रानंदन पंत

छायावादी युग Question 10 Detailed Solution

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उपयुक्त पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) सुमित्रानंदन पंत सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • उपयुक्त पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है।
  • यह "मानव कविता" की पंक्तियां हैं।
  • मानव कविता :- 1935 
Important Points
  • सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 - 28 दिसम्बर 1977) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। 
  • इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है।
  • सुमित्रानंदन पंत "प्रकृति के सुकुमार कवि" कहे जाते हैं। 
  • पंत जी कोमल कल्पना के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। 
  • पंत जी ने अपने जीवन के 1945-1959 काल को 'नव मानवता का स्वप्न काल' कहा है।
  • सुमित्रानंदन पंत की कुछ काव्य कृतियाँ हैं - ग्रन्थि, गुंजन, ग्राम्या, युगांत, स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा, सत्यकाम आदि।
Additional Information
  • जयशंकर प्रसाद के काव्य-
    • प्रेम-पथिक - (1909) , करुणालय (काव्य नाटक) - 1913 ई, महाराणा का महत्त्व - 1924 ई, चित्राधार - 1918 ई॰ ,कानन कुसुम - 1918 ई , झरना - 1918 ई , आँसू - 1925 ई , लहर - 1933 ई ,कामायनी - 1936 ई
  • निराला के काव्यसंग्रह
    • अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1938), तुलसीदास (1938), कुकुरमुत्ता (1942), अणिमा (1943), बेला (1946), नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली (1969), अपरा (संचयन)
  • मैथिलीशरण गुप्त
    • काविताओं का संग्रह - उच्छवास
    • पत्रों का संग्रह - पत्रावली
    • महाकाव्य- साकेत, यशोधरा

इनमें से कौन-सी रचना जयशंकर प्रसाद की नहीं है?

  1. आँसू
  2. अनामिका
  3. कामायनी
  4. चन्द्रगुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनामिका

छायावादी युग Question 11 Detailed Solution

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अनामिका रचना जयशंकर प्रसाद की नहीं है।

  • अनामिका निराला की रचना है।

निराला के काव्यसंग्रह

  • अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1938)
  • तुलसीदास (1938), कुकुरमुत्ता (1942), अणिमा (1943), बेला (1946)
  • नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली (1969)
  • अपरा (संचयन)

Additional Informatio

जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ हैं-

  • काव्य: झरना, आँसू, लहर, कामायनी, प्रेम पथिक।
  • नाटक: स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जन्मेजय का नाग यज्ञ, राज्यश्री, अजातशत्रु, विशाख, एक घूँट, कामना, करुणालय, कल्याणी परिणय, अग्निमित्र, प्रायश्चित, सज्जन।
  • कहानी संग्रह: छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आँधी, इंद्रजाल।
  • उपन्यास : कंकाल, तितली और इरावती।

जयशंकर प्रसाद का जन्म किस वर्ष हुआ था ?

  1. 1889 में 
  2. 1816 में 
  3. 1900 में 
  4. 1907 में 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 1889 में 

छायावादी युग Question 12 Detailed Solution

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जयशंकर प्रसाद का जन्म 1889 वर्ष में हुआ था। 

Key Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937 ई. 
  • बाल्य नाम-झारखंडी 
  • छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • उर्वशी(1909 ई.)
    • वन मिलन(1909 ई.)
    • कानन कुसुम(1913 ई.)
    • प्रेमपथिक(1913 ई.)
    • चित्राधार(1918 ई.)
    • झरना(1918 ई.)
    • आँसू(1925 ई.) आदि।

'बादल-राग' के रचयिता है:

  1. प्रसाद
  2. सुमित्रा नन्दन पन्त 
  3. निराला
  4. महादेवी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : निराला

छायावादी युग Question 13 Detailed Solution

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बादल राग कविता निराला जी की प्रसिद्ध कविताओं में से एक कविता है।

अत: सही विकल्प 3) निराला ही होगा।

'बादल राग' निराला जी की प्रसिद्ध कविता है। वे बादलों को क्रांतिदूत मानते हैं। बादल शोषित वर्ग के हितैषी हैं, जिन्हें देखकर पूँजीपति वर्ग भयभीत होता है।' बादल राग ' कविता 'परिमल' काव्य से ली गई है। निराला को वर्षा ऋतु अधिक आकृष्ट करती है, क्योंकि बादल के भीतर सृजन और ध्वंस की ताकत एक साथ समाहित है। बादल किसान के लिए उल्लास और निर्माण का अग्रदूत है तो मजदूर के संदर्भ में क्रांति और बदलाव। 

 

'उर्वशी' महाकाव्य किस हिन्दी कवि की रचना है?

  1. सुमित्रानन्दन पंत
  2. निराला
  3. महादेवी वर्मा
  4. रामधारी सिंह 'दिनकर'

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : रामधारी सिंह 'दिनकर'

छायावादी युग Question 14 Detailed Solution

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उर्वशी' महाकाव्य-4) रामधारी सिंह 'दिनकर' कवि की रचना है।

Important Points

  • उर्वशी,(1961) राष्ट्रवाद और वीर रस प्रधान रचना है।  
  • इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।

Additional Information

  • कवि ने प्रेम की छवियों को मनोवैज्ञानिक धरातल पर पहचाना है।
  • पुरुरवा धरती पुत्र है और उर्वशी देवलोक से उतरी हुई नारी है। 
  • उर्वशी में भाषा की सादगी अलंकृति और आभिजात्य की चमक पहन कर आयी है। 

"चित्राधार" किस कवि की कृति है?

  1. सोहनलाल द्विवेदी
  2. सुमित्रानंदन पंत
  3. रामकुमार वर्मा
  4. जयशंकर प्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जयशंकर प्रसाद

छायावादी युग Question 15 Detailed Solution

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चित्राधार कृति जयशंकर प्रसाद की कृति है

Key Pointsजयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएं:-

  • कानन-कुसुम
  • करूणालय,
  • महाराणा का महत्व
  • प्रेम-पथिक
  •  झरना आँसू
  • लहर
  • कामायनी और प्रसाद-संगीत। 

Important Pointsजयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय:-

  जन्म              30 जनवरी 1889
   वाराणसी  उत्तर प्रदेश, भारत
  मृत्यु  15 नवम्बर 1937 (उम्र 48)
    वाराणसी, भारत
 व्यवसाय कवि,नाटककार,कहानीकार,उपन्यासकार

Additional Information

       कुछ महत्वपूर्ण रचनाएं

सोहनलाल द्विवेदी:-

  • भैरवी
  • पूजागीत सेवाग्राम
  • प्रभाती
  • युगाधार
  • कुणाल
  • चेतना
  • बाँसुरी

सुमित्रानंदन पंत:-

  • पल्लव
  • युगांतर
  • स्वर्ण धूलि
  • कला और बूढ़ा चांद
  • मुक्ति यज्ञ
  • युगवाणी
  • सत्य काम
  • ग्रंथि
  • ज्योत्सना
  • शिल्पी

रामकुमार वर्मा:-

  • चित्तौड़ की चिता
  • रूपराशि
  • चन्द्रकिरण
  • वीर हम्मीर
  • चित्ररेखा
  • कुल- ललना
  • निशीथ
  • उत्तरायण
  • अभिशाप
  • आकाशगंगा
  • अंजलि
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