वैदिक काल के राजनीतिक और सामाजिक विकासों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. जनपद की अवधारणा वैदिक काल के आरंभिक काल में उभरी थी।

2. उत्तर वैदिक काल में जनजातीय सरदारों से राजतंत्र में परिवर्तन देखा गया।

3. आरंभिक और उत्तर वैदिक दोनों कालों में युद्ध में स्थायी सेनाएँ एक प्रमुख विशेषता थीं।

4. वर्ण व्यवस्था वैदिक काल के आरंभिक काल में कठोरता से स्थापित हुई थी।

5. आरंभिक वैदिक काल में युद्ध मुख्य रूप से क्षेत्रीय विस्तार के लिए लड़े जाते थे।

उपरोक्त में से कितने कथन सही हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. केवल तीन
  4. केवल चार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : केवल एक

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 1 है।

Key Points 

  • जनपद (क्षेत्रीय राज्य) की अवधारणा उत्तर वैदिक काल में उभरी, न कि प्रारंभिक वैदिक काल में। प्रारंभिक वैदिक काल में, समाज क्षेत्रीय राज्यों के बजाय जनजातियों (जनों) में संगठित था। इसलिए, 1 गलत है।
  • उत्तर वैदिक काल में जनजातीय सरदारों से अधिक केंद्रीकृत और वंशानुगत राजतंत्रों में परिवर्तन देखा गया। राजा की शक्ति बढ़ी, और जनजातीय सभाओं की भूमिका कम हो गई। इसलिए, 2 सही है।
  • स्थायी सेनाएँ आरंभिक वैदिक काल की विशेषता नहीं थीं। आरंभिक वैदिक काल में, सैन्य बल जनजातीय मिलिशिया से बने होते थे, जो अस्थायी होते थे। स्थायी सेनाएँ केवल उत्तर वैदिक काल में प्रमुख हुईं। इसलिए, 3 गलत है।
  • वर्ण व्यवस्था आरंभिक वैदिक काल में कठोरता से स्थापित नहीं हुई थी। यह अधिक तरल थी और जन्म के बजाय व्यवसाय पर आधारित थी। वर्ण व्यवस्था की कठोरता उत्तर वैदिक काल में विकसित हुई। इसलिए, 4 गलत है।
  • आरंभिक वैदिक काल में युद्ध मुख्य रूप से पशुओं और अन्य चल संपत्ति के लिए लड़े जाते थे, न कि क्षेत्रीय विस्तार के लिए। क्षेत्रीय विस्तार उत्तर वैदिक काल में महत्वपूर्ण हो गया। इसलिए, 5 गलत है।

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