निम्नलिखित में से किसका उपयोग बिना-भार की स्थितियों में किया जाना चाहिए।

This question was previously asked in
SSC JE EE Previous Year Paper 14 (Held On: 26 Sep 2019 Morning)
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  1. विलगक
  2. पुनः तारयोज्य फ्यूज
  3. परिपथ वियोजक
  4. वायु-ब्रेक स्विच

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विलगक
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Electrical Machine for All AE/JE EE Exams Mock Test
20 Qs. 20 Marks 20 Mins

Detailed Solution

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विलगक​:

  • एक विलगक मैन्युअल रूप से यांत्रिक स्विच पर संचालित होता है जो विद्युतीय शक्ति के एक भाग को अलग करता है।
  • विलगक का प्रयोग बिना किसी भार की स्थिति में परिपथ को खोलने के लिए किया जाता है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य परिपथ के एक भाग को दूसरे भाग से पृथक करना होता है और धारा के लाइन में प्रवाहित होते समय इसके खुले होने का कोई समय नियत नहीं होता है।
  • विलगक सामान्यतौर पर वियोजक के दोनों छोर पर इस प्रकार प्रयोग किये जाते हैं जिससे परिपथ वियोजक का मरम्मत या प्रतिस्थापन किसी भी खतरे के बिना किया जा सकता है।

 

पुनः तारयोज्य फ्यूज:

  • फ्यूज परिपथ का वह भाग होता है जिसमें एक चालक शामिल होता है जो धारा के पूर्वनिर्धारित मान से अधिक होने पर आसानी से पिघल जाता है और संयोजन को तोड़ देता है।
  • फ्यूज तार का कार्य अत्यधिक तापन के बिना सामान्य धारा का वहन करना है लेकिन जब सामान्य धारा से अधिक धारा फ्यूज तार के माध्यम से प्रवाहित होती है, तो यह तीव्रता से गर्म और पिघल जाता है।
  • फ्यूज तार के लिए उपयोग किया जाने वाला पदार्थ मुख्य रूप से टिन, लेड, जस्ता, चांदी, एन्टिमनी, तांबा, एल्युमीनियम इत्यादि हैं।
  • पुनः तारयोज्य फ्यूज का उपयोग भारित स्थिति के तहत एक परिपथ को खोलने के लिए किया जाता हैं।

 

परिपथ वियोजक:

  • एक विद्युतीय परिपथ वियोजक एक स्विचिंग उपकरण होता है जिसे एक विद्युतीय शक्ति प्रणाली के नियंत्रण और सुरक्षा के लिए मैन्युअल रूप से और स्वचालित रूप से संचालित किया जा सकता है।
  • लघु परिपथ त्रुटि या विद्युतीय त्रुटि के किसी अन्य प्रकार  के दौरान एक उच्च त्रुटि वाली धारा इस उपकरण व स्वयं शक्ति नेटवर्क के माध्यम से प्रवाहित होगी।
  • इसलिए परिपथ वियोजक परिपथ को तोड़ने और ब्रैकिंग के दौरान संग्रहित स्थितिज ऊर्जा द्वारा उत्पादित आर्क के शमन के लिए आवश्यक होता है।
  • यह भारित स्थिति के तहत संचालित होता है।

 

वायु-ब्रेक स्विच:

  • वह स्विच जिसके संपर्क वायु में खुले होते हैं और आर्क का शमन संपीडित वायु द्वारा होता है, इस प्रकार के स्विच को वायु-ब्रेक स्विच कहा जाता है।
  • वायु, वायु-ब्रेक स्विच के लिए एक पारद्युतिक माध्यम के रूप में कार्य करता है।
  • यह अन्य स्विच की तुलना में अधिक प्रभावी और विश्वसनीय होता है।
  • स्विच के लिए अधिकतम वोल्टेज 35 kV तक होता है।
  • वायु-ब्रेक स्विच को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया हैं। वे एकल-ध्रुव वाले वायु-ब्रेक स्विच और समूह संचालित वायु-ब्रेक स्विच हैं।

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Last updated on Jul 1, 2025

-> SSC JE Electrical 2025 Notification is released on June 30 for the post of Junior Engineer Electrical, Civil & Mechanical.

-> There are a total 1340 No of vacancies have been announced. Categtory wise vacancy distribution will be announced later.

-> Applicants can fill out the SSC JE application form 2025 for Electrical Engineering from June 30 to July 21.

-> SSC JE EE 2025 paper 1 exam will be conducted from October 27 to 31. 

-> Candidates with a degree/diploma in engineering are eligible for this post.

-> The selection process includes Paper I and Paper II online exams, followed by document verification.

-> Prepare for the exam using SSC JE EE Previous Year Papers.

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