समावेशी शिक्षा किस पर बल देती है?

This question was previously asked in
CTET Paper 2 Maths & Science 30th Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. व्यक्तिगत विभिन्नताओं को पहचानते हुए पाठ्यचर्या में लचीलापन  
  2. विद्यार्थियों की क्षमताओं के आधार पर पृथक्करण 
  3. सभी विद्यार्थियों के लिए मानक पाठ्यचर्या 
  4. विशिष्ट ज़रूरतों वाले विद्यार्थियों के लिए केवल व्यवसायिक शिक्षा का प्रबंधन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : व्यक्तिगत विभिन्नताओं को पहचानते हुए पाठ्यचर्या में लचीलापन  
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CTET CT 1: TET CDP (Development)
10 Qs. 10 Marks 8 Mins

Detailed Solution

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समावेशी शिक्षा यह सुनिश्चित करती है कि विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को नियमित स्कूलों में उनकी आयु और कक्षा साथियों के साथ स्कूल प्रणाली के भीतर मिलने वाली सहायता सेवाओं के साथ पढ़ाया जाता है। इस प्रकार, यह सामान्य पाठ्यक्रम में उनकी आवश्यकताओं और अधिगम की शैलियों को समायोजित करके सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य को दर्शाती है।

समावेशी शिक्षा की अवधारणा के अनुसार, विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, क्षेत्रों, बुद्धिमान छात्रों, कमजोर छात्रों, अधिगम अक्षम आदि सभी छात्रों को एक ही कक्षा में पढ़ाया जाता है। इसलिए जब इस प्रकार के छात्र एक ही छत के नीचे अधिगम करते हैं, तो वे एक दूसरे को तथा एक दूसरे की संस्कृति को भी समझ सकते हैं।

Key Points

समावेशी शिक्षा के मूल सिद्धांत:

  • यह विषयवस्तु के निरूपण के कई तरीकों को बढ़ावा देती है। 
  • छात्र कई तरीकों से अधिगम की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
  • व्यक्तिगत विभिन्नताओं के प्रति पाठ्यक्रम में लचीलापन होता है।
  • कक्षा विविध है और छात्र, साथ ही शिक्षक, कई तरीकों से अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं।
  • यह कई भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करती है।
  • विशिष्ट शैक्षणिक रणनीतियों का उपयोग करती है।
  • अत:, हम इस बात पर विचार कर सकते हैं कि समावेशी शिक्षा व्यक्तिगत विभिन्नताओं को पहचानते हुए पाठ्यचर्या में लचीलापन लाती है।

Hint

  • समावेशी शिक्षा एकीकृत कक्षाओं को बढ़ावा देती है, जहां विभिन्न क्षमताओं और अक्षमताओं के सभी छात्र एक ही छत के नीचे अधिगम करते हैं, इसलिए छात्रों का पृथक्करण समावेशी शिक्षा के संबंध में अप्रासंगिक है।
  • पाठ्यक्रम मानक नहीं होना चाहिए, हर बच्चे की अलग-अलग जरूरतें और रुचि होती है और अधिगम की एक अलग गति होती है।
  • समावेशी शिक्षा में कक्षा के सभी छात्रों को व्यावसायिक और अन्य शिक्षा प्रदान की जाती है।

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