भारतीय न्याय संहिता की धारा 44 के अनुसार, घातक हमले के खिलाफ प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार तब भी विस्तारित होता है जब:

  1. रक्षक आसानी से बच सकता है
  2. किसी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान का खतरा है
  3. रक्षक के पास एक वैकल्पिक अहिंसक विकल्प है
  4. हमलावर निहत्था है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : किसी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान का खतरा है

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सही उत्तर विकल्प 2 है

Key Points  भारतीय न्याय संहिता की धारा 44 के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को मृत्यु का उचित आशंका है और वह किसी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान के जोखिम के बिना अपना प्रतिरक्षा नहीं कर सकता है, तो उसका प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार वैध रहता है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई व्यक्ति जटिल परिस्थितियों में भी अपनी रक्षा कर सकता है।

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